कोर्ट के आदेश पर FIR, मारपीट और जातिसूचक गाली देने का आरोप

Saharanpur news, caste discrimination
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Fraud with dalit mahila: हाल ही में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से एक चौकाने वाली खबर सामने आई है जहाँ एक दलित महिला ने न्यायालय विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) में प्रार्थना पत्र देकर प्लाट के नाम पर ठगी का आरोप लगाया है। दलित महिला को प्लाट दिखाकर 4 लाख की ठगी करने का आरोप लगाया है। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते है।

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कोर्ट के आदेश पर FIR

एक गंभीर मामला सामने आया है जहां एक दलित महिला ने आरोप लगाया है कि उसे प्लॉट के नाम पर दरिंदों ने परेशान किया है। मामला तब और गंभीर हो गया जब महिला ने जातिसूचक और मुस्लिम समुदाय के शब्दों के इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई। शुरुआती याचिका पर कोई कार्रवाई नहीं होने के बाद पीड़ित महिला ने न्याय के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की।

दरअसल, पीड़िता दलित महिला के मुताबिक उसे प्लॉट बेचने का लालच दिया गया था। उसने अपनी बचत से प्लॉट खरीदा, लेकिन बाद में उसे पता चला कि उसके साथ धोखा हुआ है। जब महिला ने अपने दी हुयी रकम 4 लाख वापस मांगे या प्लॉट पर कब्ज़ा करने की कोशिश की, तो आरोपियों ने कथित तौर पर उसके साथ मारपीट की और जातिवादी गालियाँ दीं। जिसके बाद महिला ने स्थनीय पुलिस में शिकयत दर्ज करवाई लेकिन करवाई नहीं होने पर दलित महिला ने कोर्ट का सहारा लिया।

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आगे की कार्रवाई

कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज होने के बाद अब पुलिस मामले की विस्तृत जांच करेगी। बता दें, यह मामला न केवल धोखाधड़ी और हिंसा को दर्शाता है, बल्कि समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव और बदमाशी की समस्या को भी उजागर करता है। कोर्ट के हस्तक्षेप से अब पीड़िता को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है। इसके अलवा आपको बता दें, कानूनी पहलू और धोखाधड़ी आरोप के लिए BNS की कौन सी धारा लगती है दरअसल, भारतीय दंड संहिता (बीएनसी) में धारा 318 और 319 मुख्य रूप से धोखाधड़ी और उससे जुड़े आरोपों पर लागू होती हैं।

  • धारा 318 (धोखाधड़ी) – यह बीएनसी में धोखाधड़ी के अपराध को परिभाषित करती है और इसके लिए सजा निर्धारित करती है। इसमें कई उप-धाराएँ हैं, जो धोखाधड़ी के विभिन्न पहलुओं को कवर करती हैं।
  • धारा 318(1) – धोखाधड़ी की परिभाषा। यह तब होता है जब कोई व्यक्ति धोखाधड़ी या बेईमानी से किसी दूसरे व्यक्ति को धोखा देता है, उसे किसी और को संपत्ति सौंपने के लिए मजबूर करता है।
  • धारा 319  – यह धारा प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी के अपराध के लिए प्रावधान करती है। वही धारा 319(1) – प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी की परिभाषा। यह तब होता है जब कोई व्यक्ति किसी और के होने का दिखावा करके धोखा देता है। या जानबूझकर एक व्यक्ति को दूसरे के स्थान पर रखता है।

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