दलित उत्पीड़न व शिक्षा संकट पर आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी कार्यकर्त्ता सड़कों पर, राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

UP Primary school protest, Bhim army protest
Source: Google

U.P Primary School Shutdowns: हाल ही में उत्तर प्रदेश के महोबा से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहाँ यूपी में प्रथमिक विद्यालय को बंद किये जाने को लेकर आज़ाद समाज पार्टी और भीम आर्मी के नेताओ ने राज्यपाल का लिखित सन्देश जिलाधिकारी को दिया है वही पार्टी ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी किये गए आदेश में प्राथमिक विद्यालयों के विलय का कड़ा विरोध किया है. तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारें में विस्तार से बताते है.

और पढ़े: कांग्रेस ने भाजपा शासित राज्यों में दलितों पर अत्याचार बढ़ने पर मोदी सरकार पर तीखा हमला

उत्तर प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों के विलय

उत्तर प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों के विलय को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश के खिलाफ याचिकाओं पर गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई. जहाँ जस्टिस पंकज भाटिया की सिंगल बेंच ने मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार यानी 4 जुलाई को तय की थी. वहीं, कांग्रेस पार्टी ने लखनऊ और कई जिलों में इस फैसले का कड़ा विरोध किया है और इसे बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया है. दूसरी और स्थनीय लोग कह रहे हैं कि उनके बच्चे कहां पढ़ेंगे, गांव के बच्चे कहां पढ़ने जाएंगे.

आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी का प्रोटेस्ट

उधर, उत्तर प्रदेश के महोबा में आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा. उन्होंने कहा कि स्कूलों को बंद करना संविधान के अनुच्छेद 21ए के तहत शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 का उल्लंघन है. यह अनुच्छेद 46 के तहत सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के संरक्षण के प्रावधानों के भी खिलाफ है. उन्होंने सरकार से गरीब और वंचित लोगों की शिक्षा के लिए प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने के फैसले को वापस लेने की भी मांग की है. उन्होंने कौशाम्बी के लाहौद गांव में दलित लड़की के साथ बलात्कार और बस्ती के करछना में अनुसूचित जाति के युवक को जिंदा जलाने की घटना की सीबीआई (CBI) जांच की भी मांग की है.

और पढ़े: Prayagraj Kerala Story: दलित किशोरी ने किया नया खुलासा, लड़की का आरोप- सऊदी शेख को बेचने की थी तैयारी!

दरअसल, 29 जून को हुई घटना को लेकर करछना में आयोजित प्रदर्शन में गिरफ्तार निर्दोष लोगों की रिहाई की मांग की गई है और आजाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) के कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि किसी भी तरह से शांति भंग न हो और पीड़ितों को न्याय मिले.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *