Dalit Women Trafficking: तेलंगाना (Telangana) के आसिफाबाद जिले (Asifabad district) में हाल ही में दो दलित महिलाओं को बेचे जाने की घटना ने पूरे राज्य में सनसनी फैला दी है, जिससे राज्य सरकार सतर्क हो गई है। इस गंभीर मामले ने मानव तस्करी के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। इस घटनाक्रम के परिणामस्वरूप तेलंगाना सरकार (Telangana Government) ने महिला तस्करी (Women Trafficking) की रोकथाम के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ बनाने की योजना बनाई है। तो चलिए इस लेख में आपको पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं।
जानें क्या है पूरा मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल ही में तेलंगाना पुलिस ने तेलंगाना के आसिफाबाद जिले के वादीगोंडी गांव से एक 22 वर्षीय युवती को बरामद किया, जो पिछले एक साल से लापता थी। मामला तब सामने आया जब उसका आधार कार्ड अपडेट करते समय मध्य प्रदेश का पता और संपर्क नंबर मिला। इसी तरह आसिफाबाद जिला मुख्यालय के अंतर्गत एक अन्य 25 वर्षीय युवती को भी धोखे से मध्य प्रदेश भेज दिया गया। पुलिस ने जब मामले की गहनता से जांच की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। पुलिस को पता चला कि इन दोनों युवतियों को क्रमश: 1.30 लाख रुपये और 1.10 लाख रुपये में बेचा गया था।
गिरफ्तार आरोपियों और गिरोह के बारे में अहम जानकारी
इस मामले में पहले गिरफ्तार किए गए छह आरोपियों में चार स्थानीय महिलाएं भी शामिल हैं। इन पर पीड़ितों का भरोसा जीतकर उन्हें तस्करी के जाल में फंसाने का आरोप है। यह इस बात का संकेत है कि गिरोह कितना शातिर था और सामाजिक विश्वास का दुरुपयोग करके अपने शिकार को फंसाने में कितना माहिर था। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय है और अपनी गतिविधियों के लिए इसने एक व्यापक नेटवर्क तैयार किया होगा। मध्य प्रदेश में एक टीम भेजने का फैसला इस नेटवर्क की गहराई तक पहुंचने और सभी कनेक्शनों को जोड़ने के प्रयास का हिस्सा है।
उम्मीद है कि पुलिस की इस कार्रवाई से सभी फरार आरोपी जल्द ही पकड़े जाएंगे। इसके बाद इस गिरोह के काम करने के तरीके, उनके संपर्कों और अन्य अपराधों के बारे में जानकारी मिल सकेगी। ऐसे मामलों में सिर्फ गिरफ्तारी ही काफी नहीं है, पीड़ितों को न्याय मिले और ऐसे अपराधों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं, यह भी जरूरी है। तेलंगाना सरकार द्वारा गठित विशेष सेल इस दिशा में अहम भूमिका निभा सकती है।