दलित युवक को प्रताड़ित करने और पीटने के आरोप में 6 पुलिसकर्मी गिरफ्तार, टीआई निलंबित

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Torture on Dalit youth: हाल ही में मध्य प्रदेश के शाजापुर ज़िले के मक्सी थाने में एक चौकाने वाला मामला सामने आया है. जहाँ दलित युवक को टॉर्चर करने के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है. आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने सीसीटीवी और लाइट बंद करके युवक की पिटाई की. इस घटना के सामने आने के बाद थाना प्रभारी (TI) दीपक खरे समेत 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं.

पुलिसकर्मियों को किया निलंबित

देश में दलित समाज से जुड़े सवाल एक बार फिर चर्चा के केंद्र में हैं. कहीं इंसाफ़ के लिए उठी आवाज़ों को दबाने की कोशिश हो रही है तो कहीं अत्याचार के खिलाफ उठता प्रतिरोध एक नई क्रांति की शुरुआत बन रहा है. ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के मक्सी थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत के निवासी के एक दलित युवक ने मक्सी थाने के टीआई भीम सिंह पटेल से शिकायत की, जिसमें आधा दर्जन लोगों ने शिकायत दर्ज कराते हुए उन पर उनकी याचिका पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया. इसे लेकर उन्होंने राष्ट्रीय किला जाति आयोग और मुख्यमंत्री, प्रदेश, आईजी, डीआईजी और एसपी को याचिका दायर की. इस मामले में राष्ट्रीय किला जाति आयोग ने 26 जून को 15 दिन के लिए अलग-अलग पदों के लिए अधिसूचना जारी की है.

पीड़ित को लॉकअप में बंद करके पिटाई

यह मामला तब सामने आया जब युवक के परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए और शिकायत दर्ज कराई. शुरुआती जांच के बाद पुलिस अधीक्षक ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ यह कार्रवाई की है. दरअसल, मुकेश परमार ने आयोग को बताया था कि पड़ोसियों से विवाद में मक्सी थाने की पुलिस ने उसके साथ मारपीट की झूठा मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया. जहाँ मेडिकल जांच के बहाने टीआई ने उसे थाने बुलाया. इस दौरान थाने में लगे सीसीटीवी और लाइटें बंद कर दी गईं और उसे लॉकअप में बंद कर दिया गया. और लाइट कैमरा बंद करके उसके साथ बेह्रेह्मी से मारपीट इतना ही नहीं उससे जूते भी साफ़ करवाए और उसे जातिसूचक शब्द कह कर अपमानित भी किया लेकिन उसकी शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई.

संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत कार्रवाई

आयोग ने शिकायत पर कड़ा रुख अपनाते हुए संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत कार्रवाई करते हुए एफआईआर, मेडिकल रिपोर्ट और अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी है. आपको बात दें इस इस घटना ने पुलिस हिरासत में होने वाले अत्याचारों पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं. वही पुलिस प्रभारी ने बताया मामले की जाँच हो रही है जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जायेगा और सख्त से सख्त करवाई की जाएगी.

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