BNS Section 117 in Hindi: बीएनएस की धारा 117 भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) धारा 117 स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुँचाने से संबंधित है। यह धारा उन मामलों में लागू होती है जहाँ कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी अन्य व्यक्ति को गंभीर चोट पहुँचाता है।तो चलिए जानते हैं ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।
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धारा 117 क्या कहती है? BNS Section 117 in Hindi
भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (BNS) की धारा 117 गंभीर चोट को ऐसी चोट के रूप में परिभाषित करता है जो किसी व्यक्ति को स्थायी विकलांगता दे सकती है, लंबे समय तक गंभीर दर्द का कारण बन सकती है या जीवन के लिए खतरा हो सकती है। उदाहरण के लिए, किसी की हड्डी टूटना, किसी अंग को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचाना या सांस लेने में समस्या पैदा करना जो जीवन के लिए खतरा हो सकता है, गंभीर चोट की श्रेणी में आ सकता है।
यदि गंभीर चोट पहुंचाने के दौरान पीड़ित स्थायी रूप से विकलांग हो जाता है या लगातार वानस्पतिक अवस्था में चला जाता है, तो अपराधी को कम से कम दस वर्ष की अवधि के कठोर कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है।
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बीएनएस धारा 117 की मुख्य बातें
- यह धारा गंभीर चोट पहुँचाने के अपराध पर केंद्रित है, जिसमें जानबूझकर नुकसान पहुँचाना शामिल है।
- चोट की गंभीरता के आधार पर सज़ा अलग-अलग हो सकती है। यह धारा कानूनी कार्यवाही में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, खासकर गंभीर चोट पहुँचाने के मामलों में।
- यदि आप इस धारा के तहत किसी मामले में शामिल हैं, तो वकील से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।
बीएनएस धारा 117 उदाहरण
- बीएनएस धारा 117 उदाहरण कुछ इस तरह से है कि…यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी अन्य व्यक्ति को घूंसा मारता है जिससे उसे 15 दिनों तक गंभीर शारीरिक दर्द होता है, तो वह स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाने का दोषी होगा।
- यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी अन्य व्यक्ति को चोट पहुंचाता है जिससे उसे स्थायी विकलांगता होती है, तो वह धारा 117 (3) के तहत दोषी होगा।
- धारा 117 के तहत किसी को दोषी ठहराने के लिए यह साबित करना आवश्यक है कि आरोपी ने जानबूझकर और स्वेच्छा से पीड़ित को गंभीर चोट पहुंचाई है।
जानिए बीएनएस धारा 117 सजा का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 117 के तहत मिलाने वाली सजा कुछ इस तरह से है कि… यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से किसी को गंभीर चोट पहुँचाता है, तो उसे अधिकतम सात साल तक की कैद और जुर्माने की सजा हो सकती है।