BNS Section 123 in Hindi: भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 123 , अपराध करने के इरादे से जहर आदि के माध्यम से चोट पहुंचाने से संबंधित है। तो चलिए जानते हैं ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।
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धारा 123 क्या कहती है? BNS Section 123 in Hindi
बीएनएस (BNS) की धारा 123 उन लोगों को दंडित करती है जो अपराध करने के इरादे से ज़हर या अन्य हानिकारक पदार्थों का उपयोग करके चोट पहुँचाते हैं। इसमें 10 साल तक की कैद और जुर्माने की सज़ा हो सकती है। वही यह धारा खतरनाक पदार्थों के दुरुपयोग को रोकने और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इनका इस्तेमाल करने वाले व्यक्तियों को दंडित करने के लिए बनाई गई है। यह उन कृत्यों के खिलाफ निवारक के रूप में कार्य करता है जो लोगों के जीवन और व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालते हैं।
बीएनएस धारा 123 की मुख्य बातें
यह धारा उन व्यक्तियों पर लागू होती है जो किसी व्यक्ति को ज़हर, मादक दवा या कोई अन्य हानिकारक पदार्थ इस इरादे से देते हैं या दिलवाते हैं कि वह व्यक्ति किसी अपराध को अंजाम दे जिससे उसे चोट पहुँचे। वही इस धारा के तहत इरादा महत्वपूर्ण है। यह साबित करना ज़रूरी है कि अभियुक्त का इरादा या तो चोट पहुँचाने का था या ज़हर का इस्तेमाल किसी अन्य अपराध को करने या उसमें सहायता करने के साधन के रूप में करना था। इसके अलवा यह धारा उन स्थितियों को भी कवर करती है जहाँ अभियुक्त को पता है कि ऐसे पदार्थ के इस्तेमाल से चोट पहुँचने की संभावना है।
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बीएनएस धारा 123 उदाहरण
बीएनएस (BNS) धारा 123 उदाहरण कुछ इस तरह से है कि… जैसे अजय की अपने पड़ोसी विजय से पुरानी दुश्मनी है। एक दिन वह विजय के खाने में जहर मिला देता है, जिससे विजय गंभीर रूप से बीमार हो जाता है। यहाँ अजय का इरादा विजय को नुकसान पहुँचाने का था और उसने जहर का इस्तेमाल करके ऐसा किया। इसलिए अजय बीएनएस की धारा 123 के तहत दोषी होगा।
दूसरी और एक चोर रमेश एक घर में चोरी करने की योजना बनाता है। घर के मालिक को बेहोश करने के लिए वह उनके दूध में नींद की गोलियाँ मिला देता है। दूध पीने के बाद घर का मालिक बेहोश हो जाता है और रमेश आसानी से चोरी कर लेता है। इस मामले में रमेश का इरादा चोरी करना था और उसने उस अपराध को करने में मदद करने के लिए नींद की गोलियों का इस्तेमाल किया। इसलिए रमेश पर बीएनएस की धारा 123 के तहत आरोप लगाया जा सकता है।
आपको बता दें, इस अपराध के लिए भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 123 में 10 साल तक की कैद और जुर्माना की सजा का प्रावधान है।