BNS Section 129 in Hindi: भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 129, जिसे पहले आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) में धारा 339 के नाम से जाना जाता था, “आपराधिक बल” के बारे में बात करती है। यह किसी अन्य व्यक्ति की सहमति के बिना उसे चोट पहुँचाने, डराने या परेशान करने के इरादे से किया गया बल प्रयोग है। इसे कानूनी तौर पर आपराधिक माना जाता है। तो चलिए जानते हैं ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।
धारा 129 क्या कहती है? BNS Section 129 in Hindi
बीएनएस (BNS) की धारा 129 इस धारा में कहा गया है कि कोई व्यक्ति “आपराधिक बल” का प्रयोग तब करता है जब वह…जानबूझकर किसी व्यक्ति पर बल का प्रयोग करता है: इसका अर्थ है कि बल का प्रयोग जानबूझकर किया जाता है, न कि गलती से या अनजाने में।
- उस व्यक्ति की सहमति के बिना – जिस व्यक्ति पर बल का प्रयोग किया जाता है, उसकी सहमति नहीं होनी चाहिए।
- अपराध करने के उद्देश्य से – बल का प्रयोग किसी अन्य अपराध को करने के लिए किया जाता है।
- या इस इरादे से कि बल के प्रयोग से चोट, भय या झुंझलाहट पैदा होगी – बल का प्रयोग इस इरादे से किया जाता है कि इससे पीड़ित को चोट, भय या झुंझलाहट पैदा होगी।
बीएनएस धारा 129 की मुख्य बातें
- यह सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। बल का प्रयोग शारीरिक रूप से (जैसे धक्का देना, मारना) या किसी वस्तु या जानवर के माध्यम से किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, किसी की नाव की रस्सियाँ खोल देना ताकि वह बह जाए, या किसी जानवर को किसी पर हमला करने के लिए उकसाना।
- बल का प्रयोग पीड़ित की सहमति के बिना किया जाना चाहिए।
- बल का प्रयोग या तो अपराध करने के लिए किया जाना चाहिए, या इस इरादे से किया जाना चाहिए कि इससे पीड़ित को चोट, डर या परेशानी हो।
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बीएनएस धारा 129 उदाहरण
बीएनएस (BNS) धारा 129 उदाहरण कुछ इस तरह से है कि…उदाहरण 1 -यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी अन्य व्यक्ति को धक्का देता है, जिससे उसे चोट पहुँचती है, तो यह आपराधिक बल है।
उदाहरण 2 – यदि कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति की पालकी को लूटने के इरादे से उसकी सहमति के बिना रोकता है, तो यह आपराधिक बल है।
उदाहरण 3 – यदि कोई व्यक्ति कुत्ते को किसी पर हमला करने के लिए उकसाता है, जिससे उस व्यक्ति को डर या चोट पहुँचती है, तो यह आपराधिक बल है।
बीएनएस 129 (BNS) के तहत दी जाने वाली सज़ा
इसके अलावा आपको बता दें बीएनएस 129 के तहत इस अपराध के लिए मिलने वाली सजा कुछ इस तरह से की कोई जानकार बुझकर अगर बल का प्रयोग करता है उसे कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडनीय है। सजा की गंभीरता मामले की परिस्थितियों और हुए नुकसान पर निर्भर करती है।