क्या कहती है BNS की धारा 138,जानें महत्वपूर्ण बातें

BNS Section 138, BNS Section 138 in Hindi
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BNS Section 138 in Hindi: भारतीय न्याय संहिता (BNS) धारा 138  अपहरण (Abduction) को परिभाषित करती है। तो चलिए जानते  हैं ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।

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धारा 138 क्या कहती है? BNS Section 138 in Hindi

भारतीय न्यायिक संहिता (BNS) की धारा 138 मुख्य रूप से अपहरण को परिभाषित करती है। यह धारा उन परिस्थितियों को स्पष्ट करती है जिनमें कोई व्यक्ति अपहरण का दोषी होता है। वही इस धारा में कहा गया है कि कोई व्यक्ति “अपहरण” करता है यदि वह  किसी व्यक्ति को बलपूर्वक किसी स्थान को छोड़ने के लिए मजबूर करता है। या किसी व्यक्ति को किसी धोखाधड़ी के माध्यम से किसी स्थान को छोड़ने के लिए प्रेरित करता है। इसका मतलब है कि अपहरण के लिए शारीरिक बल का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन धोखे या धोखाधड़ी के माध्यम से किसी व्यक्ति को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना भी अपहरण की श्रेणी में आता है।

बीएनएस धारा 138 की मुख्य बातें

  • बल के साधन और धोखाधड़ी के साधन… इसमें शारीरिक बल का उपयोग या शारीरिक नुकसान की धमकी शामिल हो सकती है।
  • धोखाधड़ी के साधन: इसमें धोखे, झूठ या किसी भी चाल का उपयोग शामिल है जो किसी व्यक्ति को उसकी सहमति के बिना एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए प्रेरित करता है।
  • सहमति की आवश्यकता नहीं: इस धारा में यह महत्वपूर्ण है कि यदि पीड़ित को बलपूर्वक या धोखाधड़ी के माध्यम से ले जाया जाता है तो उसकी सहमति का कोई महत्व नहीं है।
  • व्यापक दायरा: यह धारा किसी भी परिदृश्य पर लागू होती है जहां किसी व्यक्ति को बल, धोखे या जबरदस्ती से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है।
  • कानूनी ढांचा: यह धारा अपहरण के कृत्यों को संबोधित करने और उन पर मुकदमा चलाने के लिए कानूनी आधार प्रदान करती है। यह सीधे तौर पर सज़ा निर्धारित नहीं करता है, लेकिन अपराध को परिभाषित करता है।

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बीएनएस धारा 138 उदाहरण 

बीएनएस (BNS) धारा 138 उदाहरण कुछ इस तरह से है कि…उदाहरण 1-रवि नामक 30 वर्षीय व्यक्ति प्रिया (25 वर्षीय महिला) को बस स्टॉप से ​​जबरन अपनी कार में खींचता है और उसकी इच्छा के विरुद्ध उसे अज्ञात स्थान पर ले जाता है। यहाँ रवि ने प्रिया को जबरन एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए शारीरिक बल का प्रयोग किया है, जो कि BNS की धारा 138 के अंतर्गत अपहरण है।

उदाहरण 2 (धमकी या जबरदस्ती) –  एक व्यक्ति बंदूक की नोक पर दूसरे व्यक्ति को धमकाता है कि यदि वह व्यक्ति उसके साथ किसी निश्चित स्थान पर नहीं जाता है तो उसे या उसके परिवार को नुकसान पहुँचाया जाएगा। डर के कारण वह व्यक्ति उसके साथ चला जाता है। यह भी बल प्रयोग का एक रूप है, भले ही कोई शारीरिक संपर्क न हो, क्योंकि धमकी व्यक्ति को उसकी इच्छा के विरुद्ध जाने के लिए मजबूर करती है।

आपको बता दें, इस धारा की तहत मिलने वाला दंड कुछ इस प्रकार से है… कि धारा 138  केवल “अपहरण” को परिभाषित करती है। यह धारा अपहरण के लिए सीधे तौर पर सज़ा का प्रावधान नहीं करती है। अपहरण के बाद अपराध किस उद्देश्य से किया गया है, इस पर निर्भर करते हुए भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत सज़ा का प्रावधान किया जाता है।

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