BNS Section 143 in Hindi: भारतीय न्याय संहिता (BNS) धारा 143 मानव तस्करी से संबंधित है। इस धारा के तहत किसी व्यक्ति की तस्करी करना या तस्करी के उद्देश्य से किसी व्यक्ति को बहलाना, फुसलाना या अपहरण करना अपराध माना जाता है। तो चलिए जानते हैं ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।
धारा 143 क्या कहती है? BNS Section 143 in Hindi
बीएनएस की धारा 143 (BNS) मानव तस्करी से संबंधित है। यह धारा उन सभी कृत्यों को अपराध मानती है जिसमें शोषण के उद्देश्य से किसी व्यक्ति या व्यक्तियों की भर्ती, परिवहन, आश्रय, स्थानांतरण या प्राप्ति शामिल है।
बीएनएस धारा 143 की मुख्य बातें
- यह धारा स्पष्ट करती है कि शोषण के उद्देश्य से किसी व्यक्ति को निम्नलिखित तरीकों से भर्ती करना, परिवहन करना, आश्रय देना, स्थानांतरित करना या प्राप्त करना तस्करी का अपराध है।
- धमकी, बल या किसी अन्य प्रकार के दबाव, अपहरण, धोखाधड़ी या छल का उपयोग करके।
- शक्ति के दुरुपयोग द्वारा प्रलोभन द्वारा (इसमें भर्ती, परिवहन, आश्रय, स्थानांतरित या प्राप्त व्यक्ति पर नियंत्रण रखने वाले किसी भी व्यक्ति की सहमति प्राप्त करने के लिए भुगतान या लाभ देना या प्राप्त करना शामिल है)।
- इस धारा के तहत तस्करी के अपराध को निर्धारित करने में पीड़ित की सहमति का कोई महत्व नहीं है। यानी अगर पीड़ित ने सहमति दे दी है तो भी इसे अपराध ही माना जाएगा।
Also Read: BNS section 135: गलत तरीके से बंधक बनाने या कैद करने के प्रयास पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग
बीएनएस धारा 143 उदाहरण
बीएनएस (BNS) धारा 143उदाहरण कुछ इस तरह से है कि…उदाहरण 1-जबरन मजदूरी: किसी को नौकरी का वादा करके बंधुआ मजदूर के रूप में काम करवाना। बच्चों को बेहतर भविष्य का लालच देकर उन्हें यौन गतिविधियों में धकेलना। धोखे से या बलपूर्वक किसी के अंग निकालना। बच्चों को भीख मांगने के लिए मजबूर करना। घरेलू काम के बहाने किसी को बंधक बनाना और बिना वेतन के उनसे काम करवाना।
बीएनएस धारा सजा का प्रावधान
- सामान्य तस्करी – मानव तस्करी के अपराध के लिए सजा 7 वर्ष से कम नहीं कठोर कारावास है जिसे 10 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
- एक से अधिक व्यक्तियों की तस्करी – यदि अपराध में एक से अधिक व्यक्तियों की तस्करी शामिल है, तो सजा 10 वर्ष से कम नहीं कठोर कारावास से लेकर आजीवन कारावास तक हो सकती है, और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
- बच्चों की तस्करी – यदि अपराध में 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे की तस्करी शामिल है, तो सजा 10 वर्ष से कम नहीं कठोर कारावास से लेकर आजीवन कारावास तक हो सकती है, और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
- एक से अधिक बच्चों की तस्करी – यदि अपराध में एक से अधिक बच्चों की तस्करी शामिल है, तो सजा 14 वर्ष से कम नहीं कठोर कारावास से लेकर आजीवन कारावास तक हो सकती है, और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
- बाल तस्करी का बार-बार अपराध – यदि किसी व्यक्ति को 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे की तस्करी के अपराध के लिए एक से अधिक बार दोषी ठहराया जाता है, तो ऐसे व्यक्ति को आजीवन कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसका अर्थ उसके शेष प्राकृतिक जीवनकाल के लिए कारावास होगा, और वह जुर्माने का भी उत्तरदायी होगा।