BNS Section 155 in Hindi: भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 155 जो युद्ध या लूट से प्राप्त संपत्ति को जानबूझकर प्राप्त करने से संबंधित है। यह धारा भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 155 का स्थान लेती है। तो चलिए आपको इस लेख में बताते हैं कि ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।
धारा 155क्या कहती है? BNS Section 155 in Hindi
भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 155 की धारा उस व्यक्ति को दण्डित करती है जो जानबूझ कर ऐसी सम्पत्ति अर्जित करता है जिसके बारे में वह जानता है कि वह सम्पत्ति युद्ध या लूट के माध्यम से प्राप्त की गई है, जैसा कि धारा 153 और 154 BNS में उल्लेख किया गया है।
- धारा 153 BNS – यह भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध छेड़ने या युद्ध छेड़ने की तैयारी से संबंधित अपराधों को परिभाषित करती है।
- धारा 154 BNS – यह किसी विदेशी राज्य के विरुद्ध युद्ध छेड़ने या लूटपाट से संबंधित अपराधों को परिभाषित करती है जिसके साथ भारत सरकार के शांतिपूर्ण संबंध हैं।
बीएनएस धारा 155 की मुख्य बातें
- यह धारा उन लोगों को दंडित करती है जो अवैध रूप से प्राप्त संपत्ति को स्वीकार करके युद्ध या लूट जैसे गंभीर अपराधों का अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन करते हैं।
- इसका उद्देश्य अवैध रूप से प्राप्त वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला को बाधित करना है, जिससे ऐसे अपराधों को अंजाम देना मुश्किल हो जाता है।
- यह विदेशी राज्यों की संप्रभुता का सम्मान करने और राजनयिक संबंधों को नुकसान पहुंचाने वाली कार्रवाइयों को रोकने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को भी सुनिश्चित करता है।
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बीएनएस धारा 155 उदाहरण – BNS Section 155 Example
बीएनएस (BNS) धारा 155 उदाहरण कुछ इस तरह से है कि…उदाहरण 1 –मान लीजिए कि भारत किसी पड़ोसी देश के साथ सशस्त्र संघर्ष में है (हालाँकि यह काल्पनिक है और हम शांति की कामना करते हैं)। इस संघर्ष के दौरान, एक समूह उस पड़ोसी देश के संग्रहालय से मूल्यवान कलाकृतियाँ लूटता है।
धारा 155 का अनुप्रयोग: यदि “अजय” नामक व्यक्ति यह जानते हुए कि युद्ध के दौरान इन कलाकृतियों को लूटा गया है, उन्हें खरीदता है या अपने पास रखता है, तो उस पर BNS की धारा 155 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है। भले ही अजय ने स्वयं युद्ध में भाग नहीं लिया हो या लूटपाट नहीं की हो, लेकिन वह जानबूझकर युद्ध से प्राप्त अवैध संपत्ति प्राप्त करने का दोषी होगा।
इसके अलवा आपको बता दें कि धारा 155 के तहत दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान है कि इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर अपराध के लिए सात साल तक का कारावास हो सकता है। जुर्माना भी लगाया जाएगा। वही अगर अपराध करने में इस्तेमाल की गई या अपराध से प्राप्त किसी भी संपत्ति को जब्त कर लिया जाएगा।