BNS Section158: राज्य कैदी या युद्ध कैदी को भागने में सहायता करना, छुड़ाना या आश्रय देना

BNS SECTION 158, BNS SECTION 158 in Hindi
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BNS Section 158 in Hindi: भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 158, हाल ही में भारत में कुछ नए आपराधिक कानून लागू किए गए हैं, जैसे भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BNS)। इन तीनों संहिताओं में धारा 158 के अलग-अलग प्रावधान हैं।  तो चलिए आपको इस लेख में बताते  हैं कि ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।

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धारा 158 क्या कहती है? BNS Section 158 in Hindi

भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 158 यह धारा किसी “राज्य बंदी” या “युद्ध बंदी” की सहायता करने, उसे बचाने या उसे शरण देने से संबंधित है। यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी राज्य बंदी या युद्ध बंदी को उसकी वैध हिरासत से भागने में सहायता करता है, उसे बचाता है या उसे शरण देता है, तो उसे इस धारा के तहत दंडित किया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति युद्ध बंदी को जेल से भागने में मदद करता है और फिर उसे अपने घर में छिपाता है, तो वह बीएनएस की धारा 158 के तहत दोषी होगा। बता दें , यह धारा उन लोगों पर लागू होती है जो देश की सुरक्षा और संप्रभुता के खिलाफ अपराध करते हैं।

बीएनएस धारा 158 की मुख्य बातें

  • यह धारा मजिस्ट्रेट को स्थानीय जांच का निर्देश देने और विशेषज्ञों की जांच करने की शक्ति से संबंधित है।
  • यह धारा मजिस्ट्रेट को स्थानीय जांच का निर्देश देने और किसी मामले की जांच करने के लिए विशेषज्ञ की राय लेने का अधिकार देती है।
  • यह जांच को प्रभावी बनाने और सही निर्णय पर पहुंचने में मदद करती है। यह एक प्रक्रियात्मक धारा है जो आपराधिक न्याय प्रणाली में जांच के दायरे को व्यापक बनाने में मदद करती है।

भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) की धारा 158

  • यह धारा गवाह की विश्वसनीयता को चुनौती देने से संबंधित है।
  • इस धारा के तहत गवाह की विश्वसनीयता को चुनौती देने के प्रावधान दिए गए हैं। विपक्षी पक्ष या वह पक्ष जिसने अदालत की अनुमति से गवाह को बुलाया है, गवाह की विश्वसनीयता पर सवाल उठा सकता है।
  • यह धारा न्यायिक प्रक्रिया में गवाहों की सत्यता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिससे न्याय के उचित प्रशासन में मदद मिलती है।

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बीएनएस धारा 158 उदाहरण – BNS Section 158 Example

बीएनएस (BNS) धारा 158 उदाहरण कुछ इस तरह से है कि…उदाहरण 1 – एक कुख्यात आतंकवादी (जिसे ‘राज्य कैदी’ घोषित किया गया है) एक उच्च सुरक्षा वाली जेल में कैद है। एक जेल कर्मचारी, ‘ए’, पैसे के लालच में, ‘राज्य कैदी’ को भागने में मदद करने की योजना बनाता है। ‘ए’ कैदी को भागने के उपकरण और जेल के नक्शे प्रदान करता है, जिससे कैदी जेल की दीवार फांदकर भागने में सक्षम हो जाता है।

परिणाम: इस मामले में, ‘A’ ने जानबूझकर ‘राज्य कैदी’ को वैध हिरासत से भागने में मदद की है। इसलिए, ‘ए’ पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 158 के तहत मुकदमा चलाया जाएगा, और उसे आजीवन कारावास या 10 साल तक की अवधि के कारावास और जुर्माने की सजा दी जा सकती है।

इसके अलवा आपको बता दें कि धारा 158 के तहत दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान है कि इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर अपराध के लिए आजीवन कारावास (Imprisonment for life) या किसी भी प्रकार का कारावास जिसकी अवधि दस वर्ष तक हो सकती है। जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

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