BNS Section 163 in Hindi: भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 163, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS) का एक भाग है और पूर्ववर्ती दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 144 का स्थान लेती है। यह एक महत्वपूर्ण प्रावधान है जो कार्यकारी मजिस्ट्रेटों को सार्वजनिक शांति एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए असाधारण शक्तियाँ प्रदान करता है। तो चलिए आपको इस लेख में बताते हैं कि ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।
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धारा 163 क्या कहती है? BNS Section 163 in Hindi
भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 163 कार्यपालक मजिस्ट्रेटों को किसी विशेष क्षेत्र में सार्वजनिक शांति भंग होने, मानव जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा को खतरा होने, या उपद्रव या आसन्न खतरे की आशंका होने पर कुछ कार्यों को प्रतिबंधित करने या उनसे परहेज करने के आदेश जारी करने का अधिकार देती है।
बीएनएस धारा 163 की मुख्य बातें
धारा 144 का पुनर्लेखन – यह सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है। भारतीय न्याय संहिता के लागू होने के बाद, जो प्रावधान पहले सीआरपीसी की धारा 144 के अंतर्गत थे, वे अब बीएनएसएस की धारा 163 के अंतर्गत आते हैं। इसका मूल उद्देश्य और कार्यप्रणाली वही रहती है।
इस धारा का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखना, दंगों या झगड़ों को रोकना और किसी भी अप्रिय घटना को रोकना है।
इसे कार्यपालक मजिस्ट्रेट (Executive magistrate) (जैसे जिला मजिस्ट्रेट (District Magistrate), उप-मंडल मजिस्ट्रेट (Sub-Divisional Magistrate), या इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा अधिकृत कोई अन्य कार्यपालक मजिस्ट्रेट) द्वारा प्रख्यापित किया जाता है।
आपको बता दें, इस धारा तब लागू किया जाता है जब उपद्रव का तत्काल खतरा या आशंका हो। उदाहरण के लिए, प्रमुख त्योहारों, राजनीतिक गतिविधियों, विरोध प्रदर्शनों के दौरान, या किसी ऐसी घटना के बाद जहाँ स्थिति बिगड़ सकती हो।
इस धारा के अंतर्गत लगाए जा सकने वाले प्रतिबंध
- पाँच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध।
- धरना, प्रदर्शन, जनसभा या जुलूस (बिना अनुमति के) आयोजित करने पर प्रतिबंध।
- हथियार, लाठी, भाले, तलवार, बैनर, तख्तियाँ आदि ले जाने पर प्रतिबंध।
- सार्वजनिक स्थानों पर पुतले जलाने पर प्रतिबंध।
- वाहनों पर डीजे साउंड सिस्टम या लाउडस्पीकर के प्रयोग पर प्रतिबंध (विशेष अवसरों पर)।
- अफवाह फैलाने या गलत सूचना प्रसारित करने पर प्रतिबंध।
- समय सीमा: यह आदेश सामान्यतः दो महीने से अधिक समय तक लागू नहीं रह सकता, हालाँकि राज्य सरकार विशेष मामलों में इसे बढ़ा सकती है।
यह धारा प्रशासन को कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण शक्तियाँ प्रदान करती है, लेकिन यह नागरिकों के मौलिक अधिकारों, विशेष रूप से एकत्र होने के अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को भी प्रभावित करती है। इसलिए, इसका प्रयोग तभी किया जाना चाहिए जब यह उचित और आवश्यक हो।
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बीएनएस धारा 163 उदाहरण – BNS Section 163 Example
बीएनएस (BNS) धारा 163 उदाहरण कुछ इस तरह से है कि…उदाहरण 1 – यदि किसी क्षेत्र में दंगा या अन्य सार्वजनिक उपद्रव की संभावना हो तो जिला मजिस्ट्रेट धारा 163 के तहत आदेश जारी कर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लोगों की आवाजाही और मोबाइल फोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा सकता है।
इसके अलवा आपको बता दें कि धारा 163 के तहत दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान है कि इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर अपराधी को धारा 163 के तहत जारी किए गए आदेशों का उल्लंघन करने पर गिरफ्तारी और कानूनी कार्यवाही हो सकती है।