BNS Section 168 in Hindi: भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 168, यह धारा उन व्यक्तियों को दंडित करती है जो किसी सैनिक, नाविक या वायुसैनिक (soldier, sailor or airman) द्वारा प्रयुक्त कोई भी वर्दी या प्रतीक चिन्ह इस आशय से पहनते हैं कि वे किसी अन्य व्यक्ति को यह विश्वास दिलाएँ कि वे असली सैनिक, नाविक या वायुसैनिक हैं। यह छद्मवेश धारण करने का एक रूप है जिसका उद्देश्य लोगों को धोखा देना या किसी प्रकार का अनुचित लाभ प्राप्त करना हो सकता है। तो चलिए आपको इस लेख में बताते हैं कि ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस (Bhaarateey dand sanhita) में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।
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धारा 168 क्या कहती है? BNS Section 168 in Hindi
भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 168 “सैनिक (Solider), नौसैनिक (Marine Corps) या वायुसैनिक (Airforce army) द्वारा वर्दी या प्रतीक चिन्ह के प्रयोग” से संबंधित है। यह धारा उन व्यक्तियों पर लागू होती है जो भारत सरकार की सेना, नौसेना या वायु सेना के सदस्य नहीं हैं, लेकिन फिर भी उनके पास सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली कोई वर्दी या प्रतीक चिन्ह है जिससे यह विश्वास होता है कि वे उस बल के सदस्य हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भारतीय दंड संहिता (BNS) 2023, भारतीय दंड संहिता (IPC) 1860 का स्थान लेगी। आईपीसी की धारा 170 और 171 भी लोक सेवक का रूप धारण करने और वर्दी या प्रतीक चिन्ह धारण करने से संबंधित हैं। इन प्रावधानों को बीएनएस में संशोधित और पुनर्गठित किया गया है।
बीएनएस धारा 168 की मुख्य बातें
- धारा 168 का मुख्य उद्देश्य उन व्यक्तियों को रोकना है जो सैन्य वर्दी या प्रतीकों का उपयोग करके दूसरों को धोखा देने या गुमराह करने का प्रयास करते हैं।
- धारा 168 का उद्देश्य सेना, नौसेना और वायु सेना की प्रतिष्ठा और अखंडता को बनाए रखना है, साथ ही जनता को धोखा दिए जाने से बचाना है।
- यह धारा किसी भी व्यक्ति पर लागू होती है, चाहे वह पुरुष हो या महिला, जो ऐसी वर्दी पहनता है या कोई सैन्य चिन्ह धारण करता है जिससे यह विश्वास हो सकता है कि वह एक सैनिक, नाविक या वायुसैनिक है।
बीएनएस धारा 168 उदाहरण – BNS section 168 example
बीएनएस धारा 168 उदाहरण कुछ इस तरह से है कि ऐसा कोई भी व्यक्ति जो सेना में नहीं है, लेकिन सेना के स्वामित्व वाले किसी निजी बैंक से पैसा निकालता है, उस पर धारा 168 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है। कोई भी व्यक्ति जो सेना में नहीं है, लेकिन सेना का एजेंट बनकर किसी सरकारी कार्यालय में घुसने की कोशिश करता है, उस पर धारा 168 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।
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इसके अलवा आपको बता दें कि धारा 169 के तहत दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान है कि इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर यदि कोई व्यक्ति बिना किसी वैध अधिकार के सैन्य वर्दी या प्रतीक पहनता है, तो उसे तीन महीने तक की कैद या 2000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।