BNS Section 170 in Hindi: भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 170, चुनावों में रिश्वतखोरी से संबंधित है। यह धारा रिश्वतखोरी की श्रेणी में आने वाले कार्यों को परिभाषित करती है, जैसे किसी व्यक्ति को वोट देने या न देने के लिए प्रेरित करने हेतु धन, उपहार या कोई अन्य लाभ देना या प्राप्त करना। तो चलिए आपको इस लेख में बताते हैं कि ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस (Bhaarateey dand sanhita) में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।
Also Read: भारतीय न्याय संहिता (BNS) धारा 153: शांतिपूर्ण विदेशी राज्यों के विरुद्ध युद्ध छेड़ने पर दंड
धारा 170 क्या कहती है? BNS Section 170 in Hindi
भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 170 रिश्वतखोरी, विशेष रूप से चुनावी अधिकारों को प्रभावित करने वाली रिश्वतखोरी के अपराध से संबंधित है। यह चुनावों में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण प्रावधानों में से एक है।
बीएनएस धारा 170 की मुख्य बातें
यह धारा उन व्यक्तियों पर लागू होती है जो किसी व्यक्ति को किसी चुनावी अधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से या ऐसे किसी अधिकार के प्रयोग के लिए पुरस्कार के रूप में रिश्वत देते हैं।
इसी प्रकार, यदि कोई व्यक्ति अपने लिए या किसी अन्य व्यक्ति के लिए ऐसे किसी अधिकार का प्रयोग करने के लिए या किसी अन्य व्यक्ति को ऐसे किसी अधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रेरित करने या प्रेरित करने का प्रयास करने के लिए रिश्वत लेता है, तो वह भी रिश्वतखोरी का अपराध करता है।
रिश्वत देने और लेने दोनों पर लागू
- यह धारा रिश्वत देने वाले और लेने वाले दोनों को अपराधी बनाती है।
- किसी को रिश्वत देना, देने के लिए सहमत होना या रिश्वत लेने का प्रयास करना रिश्वत देने के बराबर है।
- इसी प्रकार, रिश्वत लेना, स्वीकार करने के लिए सहमत होना या रिश्वत लेने का प्रयास करना रिश्वत लेने के बराबर है।
- यदि कोई व्यक्ति इस इरादे से रिश्वत लेता है कि वह वह कार्य नहीं करेगा जिसके लिए रिश्वत ली गई है, या किसी ऐसे कार्य के लिए जो उसने नहीं किया है, तो भी उसे रिश्वत लेने वाला माना जाएगा।
- इस धारा के अंतर्गत सार्वजनिक नीति की घोषणा या सार्वजनिक कार्रवाई का वादा अपराध नहीं माना जाएगा। इसका अर्थ है कि राजनीतिक दलों या उम्मीदवारों द्वारा चुनाव घोषणापत्रों में किए गए वादे रिश्वतखोरी नहीं माने जाएँगे।
Also Read: क्या कहती है BNS की धारा 154, जानें इससे जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण बातें
इसके अलवा आपको बता दें कि धारा 170 के तहत दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान है कि रिश्वतखोरी का अपराध करने वाले व्यक्ति को एक वर्ष तक के कारावास या जुर्माना, या दोनों से दंडित किया जा सकता है। यदि रिश्वत “उपहार” (खाना-पीना, मनोरंजन आदि) के रूप में दी जाती है, तो केवल जुर्माना लगाया जाएगा।