BNS Section 175 in Hindi: भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 176 चुनाव से संबंधित अवैध भुगतानों से संबंधित एक महत्वपूर्ण प्रावधान है। यह किसी भी ऐसे कार्य को आपराधिक बनाता है जो किसी उम्मीदवार की लिखित अनुमति के बिना उसके चुनाव को बढ़ावा देने या प्रभावित करने के उद्देश्य से किया जाता है। तो चलिए आपको इस लेख में बताते हैं कि ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस (Bhaarateey dand sanhita) में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।
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धारा 176 क्या कहती है? BNS Section 176 in Hindi
बीएनएस धारा 175 की मुख्य बाते
- अवैध भुगतान – यह धारा उस व्यक्ति को दंडित करती है जो किसी उम्मीदवार की लिखित अनुमति के बिना, किसी सार्वजनिक सभा, विज्ञापन, परिपत्र या प्रकाशन या किसी अन्य तरीके से उसके चुनाव प्रचार के लिए धन खर्च करता है।
- अनुमति आवश्यक – इस धारा के अनुसार, किसी भी व्यक्ति के लिए चुनाव में धन खर्च करने से पहले उम्मीदवार की सामान्य या विशेष लिखित अनुमति लेना अनिवार्य है।
- अपवाद – यदि किसी व्यक्ति ने बिना अनुमति के ₹10 से अधिक खर्च किया है और 10 दिनों के भीतर उम्मीदवार से लिखित अनुमति प्राप्त कर ली है, तो यह माना जाएगा कि उसने यह धन उम्मीदवार की अनुमति से खर्च किया है।
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सजा का प्रावधान
इसके अलवा आपको बता दें कि धारा (Section) 176 के तहत दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान है कि इस अपराध के लिए जुर्माना (Fine Charges) लगाया जा सकता है। यह एक ज़मानती और असंज्ञेय अपराध है। जिसका अर्थ है कि पुलिस को इसे दर्ज करने के लिए मजिस्ट्रेट (Magistrate) की अनुमति लेनी होगी। यह एक ज़मानती अपराध है, जिसका अर्थ है कि इसमें ज़मानत मिलना आसान है। इसकी सुनवाई प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट (Magistrate) द्वारा की जाती है।