क्या कहती है BNS की धारा 179, जानें इससे जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण बातें

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BNS Section 179 in Hindi: भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 179 जालसाजी या नकली वस्तुओं के उपयोग से संबंधित है। यह उस व्यक्ति को दंडित करती है जो यह जानते हुए या यह मानने का कारण रखते हुए कि वे जाली या नकली हैं, किसी भी जाली या नकली सिक्के, सरकारी स्टाम्प, करेंसी नोट या बैंक नोट को बेचता, वितरित करता, खरीदता, प्राप्त करता या अन्यथा असली के रूप में उपयोग करता है। तो चलिए आपको इस लेख में बताते हैं कि ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस (Bhaarateey dand sanhita) में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।

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धारा 179 क्या कहती है? BNS Section 179 in Hindi

जैसा कि आप जानते हैं कि अलग-अलग धाराओं में अलग-अलग अधिनियम और दंड हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बीएनएस की धारा 178 क्या कहती है, अगर नहीं तो आइए जानते हैं। बीएनएस (BNS) की धारा 179 जो कोई भी सरकार द्वारा राजस्व के प्रयोजन के लिए जारी किए गए किसी नकली या कूटकृत सिक्के, स्टाम्प, करेंसी नोट या बैंक नोट को बेचेगा या वितरित करेगा, या किसी अन्य व्यक्ति से खरीदेगा या प्राप्त करेगा, या अन्यथा तस्करी करेगा या असली के रूप में उपयोग करेगा, यह जानते हुए या विश्वास करने का कारण रखते हुए कि वह नकली या कूटकृत है।

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बीएनएस धारा 179 का उदाहरण

बीएनएस धारा 179 का उदाहरण कुछ इस तरह से है कि उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि ‘A’ नाम का एक व्यक्ति जानता है कि उसके पास 500 रुपये का नकली नोट है। इसके बावजूद, वह उस नोट को ‘B’ को यह कहकर दे देता है कि यह असली है। इस स्थिति में, ‘A’ ने जानबूझकर नकली नोट का इस्तेमाल किया है और वह BNS की धारा 179 के तहत अपराध का दोषी होगा।

एक और उदाहरण यह हो सकता है कि ‘सी’ नाम का एक व्यक्ति नकली भारतीय मुद्रा नोट बनाता है और उन्हें ‘डी’ को बेचता है, यह जानते हुए कि ‘डी’ उन्हें असली नोटों के रूप में बाज़ार में वितरित करेगा। ‘सी’ और ‘डी’ दोनों इस धारा के तहत दोषी होंगे क्योंकि वे नकली नोटों के निर्माण और वितरण में शामिल हैं।

इसके अलवा आपको बता दें कि धारा (Section) 179 के तहत दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान है कि उसे आजीवन कारावास से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।

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