BNS Section 180 in Hindi: भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 180 जो भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 489सी के समान है, जाली या नकली सिक्कों, सरकारी टिकटों, करेंसी नोटों या बैंक नोटों के कब्जे से संबंधित है। तो चलिए आपको इस लेख में बताते हैं कि ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस (Bhaarateey dand sanhita) में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।
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धारा 180 क्या कहती है? BNS Section 180 in Hindi
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BNS की धारा 180 महत्वपूर्ण बातें
- अपराध – इस धारा के अंतर्गत अपराध तब होता है जब कोई व्यक्ति किसी नकली या कूटरचित सिक्के, स्टाम्प, करेंसी नोट या बैंक नोट को अपने कब्जे में रखता है।
- आवश्यक शर्त – अपराधी को यह ज्ञान या विश्वास करने का कारण होना चाहिए कि वह नकली या कूटरचित है।
- उद्देश्य – नकली वस्तु को अपने कब्जे में रखने का उद्देश्य उसे असली के रूप में उपयोग करना या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा उसे असली के रूप में उपयोग करवाना हो सकता है।
बीएनएस धारा 180 का उदाहरण
बीएनएस धारा 180 यदि किसी व्यक्ति के पास 500 रुपये का जाली नोट है और वह जानता है कि यह जाली है, या उसे यह मानने का उचित संदेह है कि यह जाली है, और वह इसे किसी दुकान में असली नोट के रूप में चलाने का प्रयास करता है, तो वह भारतीय दंड संहिता की धारा 180 के तहत दंडनीय होगा।
इसके अलवा आपको बता दें कि धारा (Section) 179 के तहत दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान है कि उसे आजीवन कारावास से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।