क्या कहती है BNS की धारा 182, जानें इससे जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण बातें

BNS Section 182, BNS Section 182 in Hindi
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BNS Section 182 in Hindi: भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 182 झूठी सूचना देने से संबंधित है। यह धारा तब लागू होती है जब कोई व्यक्ति किसी लोक सेवक को इस आशय से झूठी सूचना देता है कि लोक सेवक अपनी वैध शक्ति का प्रयोग किसी अन्य व्यक्ति को नुकसान पहुँचाने या परेशान करने के लिए कर सकता है। तो चलिए आपको इस लेख में बताते हैं कि ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस (Bhaarateey dand sanhita) में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।

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धारा 182 क्या कहती है? BNS Section 182 in Hindi

जैसा कि आप जानते हैं कि अलग-अलग धाराओं में अलग-अलग अधिनियम और दंड हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बीएनएस की धारा 178 क्या कहती है, अगर नहीं तो आइए जानते हैं। बीएनएस (BNS) की धारा 182 यह धारा लोक सेवकों को गलत जानकारी देने से संबंधित है। इसका उद्देश्य लोक सेवकों को गुमराह होने से रोकना है ताकि वे अपनी शक्तियों का दुरुपयोग न कर सकें। यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी लोक सेवक को गलत जानकारी देता है, जिससे वह लोक सेवक किसी व्यक्ति को नुकसान पहुँचाने के लिए प्रेरित होता है, तो उसे इस धारा के तहत दोषी माना जाएगा।

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BNS की धारा 182 महत्वपूर्ण बातें

  • अपराध का सार –  यह धारा उस व्यक्ति पर लागू होती है जो जानबूझकर किसी लोक सेवक (जैसे पुलिस अधिकारी) को गलत जानकारी देता है।
  • उद्देश्य – गलत जानकारी देने का मुख्य उद्देश्य यह है कि लोक सेवक अपनी कानूनी शक्ति का प्रयोग किसी अन्य व्यक्ति को नुकसान पहुँचाने, परेशान करने या अनुचित कार्य करने के लिए करता है।

बीएनएस धारा 182 का उदाहरण

मान लीजिए ‘A’ नाम के एक व्यक्ति की ‘B’ से व्यक्तिगत दुश्मनी है। बदला लेने के लिए, ‘A’ पुलिस को झूठी सूचना देता है कि ‘B’ के घर में अवैध हथियार रखे हैं। ‘A’ चाहता है कि पुलिस (जो एक लोक सेवक है) इस झूठी सूचना के आधार पर ‘B’ के घर पर छापा मारे और उसे परेशान करे।

इस मामले में, ‘A’ ने जानबूझकर किसी अन्य व्यक्ति (‘B’) को परेशान करने के इरादे से एक लोक सेवक को झूठी सूचना दी। यह कृत्य भारतीय दंड संहिता की धारा 182 के अंतर्गत एक अपराध है। इस धारा के तहत, ‘A’ को 6 महीने तक के कारावास, जुर्माने या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

बीएनएस धारा 182 सजा 

इसके अलवा आपको बता दें कि धारा (Section) 182 के तहत दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान है कि  6 महीने तक की कैद, 1000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। यह अपराध ज़मानती और असंज्ञेय है, यानी पुलिस बिना वारंट के गिरफ़्तारी नहीं कर सकती और अभियुक्त ज़मानत पा सकता है।

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