BNS Section 184 in Hindi: भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 184 यह धारा “पहले से इस्तेमाल हो चुके सरकारी स्टाम्प के इस्तेमाल” से संबंधित है। यह धारा उन लोगों को दंडित करती है जो धोखे से या सरकार को नुकसान पहुँचाने के इरादे से, यह जानते हुए भी कि उसका पहले ही इस्तेमाल हो चुका है, सरकार द्वारा जारी स्टाम्प का इस्तेमाल करते हैं। तो चलिए आपको इस लेख में बताते हैं कि ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस (Bhaarateey dand sanhita) में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।
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धारा 184 क्या कहती है? BNS Section 184 in Hindi
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BNS की धारा 184 महत्वपूर्ण बातें
- सरकारी राजस्व को हानि – यह धारा उन कृत्यों से संबंधित है जिनसे सरकारी राजस्व को हानि पहुँचती है, और इसलिए इसे एक गंभीर अपराध माना जाता है।
- संज्ञेय और ज़मानती – यह एक संज्ञेय और ज़मानती अपराध है, जिसका अर्थ है कि पुलिस बिना वारंट के गिरफ़्तारी कर सकती है और अभियुक्त को ज़मानत पर रिहा किया जा सकता है।
- न्यायालय – इस अपराध की सुनवाई किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है।
बीएनएस धारा 184 का उदाहरण
बीएनएस धारा 184 का उदाहरण कुछ इस तरह से है कि, जैसे रवि अक्सर अपने व्यवसाय के लिए दस्तावेज़ पंजीकृत डाक से भेजता है। पैसे बचाने के लिए, वह पहले से इस्तेमाल हो चुके लिफ़ाफ़ों से डाक टिकट सावधानीपूर्वक निकालकर नए लिफ़ाफ़ों पर दोबारा इस्तेमाल करता है। वह जानता है कि ये डाक टिकट पहले ही इस्तेमाल हो चुके हैं, लेकिन नए डाक टिकट खरीदने से बचने के लिए वह ऐसा करता रहता है। एक दिन, एक डाक कर्मचारी ने दोबारा इस्तेमाल किए गए डाक टिकट को देखा और इसकी सूचना दी। रवि पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 184 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
बीएनएस धारा 184 सजा
इसके अलवा आपको बता दें कि धारा (Section) 184 के तहत दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान है कि इस अपराध की सज़ा तीन साल तक की कैद, जुर्माना या दोनों है। यह एक संज्ञेय और जमानतीय अपराध है, जिसकी सुनवाई प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है।