क्या कहती है BNS की धारा 206, जानें इससे जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण बातें

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BNS Section 206 in Hindi: भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 206,  “समन या अन्य कार्यवाही से बचने के लिए फरार होने” से संबंधित है। यह उस व्यक्ति को दंडित करती है जो किसी लोक सेवक द्वारा विधिपूर्वक जारी किए गए समन, नोटिस या आदेश की तामील से बचने के लिए जानबूझकर फरार हो जाता है या खुद को छुपाता है। तो चलिए आपको इस लेख में बताते हैं कि ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस (Bhaarateey dand sanhita) में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।

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धारा 206 क्या कहती है? BNS Section 206 in Hindi

जैसा कि आप जानते हैं कि अलग-अलग धाराओं में अलग-अलग अधिनियम और दंड हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बीएनएस की धारा 206 क्या कहती है, अगर नहीं तो आइए जानते हैं। बीएनएस (BNS) की धारा 206, अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी कानूनी नोटिस, समन या अन्य न्यायिक कार्यवाही से बचने के लिए जानबूझकर भागता या छिपता है, तो उसे छह महीने तक की कैद या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है। यह धारा लोक सेवकों द्वारा वैध प्राधिकार की अवमानना ​​से संबंधित है और कानूनी प्रक्रिया से बचने वालों को जवाबदेह बनाती है।

बीएनएस धारा 206 की महतवपूर्ण बातें  

  • यह अधिनियम सुनिश्चित करता है कि कोई भी व्यक्ति कानूनी बातचीत से बचकर या औपचारिक कार्यवाही से भागकर अपनी जिम्मेदारियों से बच नहीं सकता।
  • यह धारा भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) के अध्याय 13 का हिस्सा है, जो लोक सेवकों द्वारा किए गए वैध प्राधिकार की अवमानना ​​से संबंधित अपराधों से संबंधित है।

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बीएनएस धारा 206 की और सजा

इसके अलवा आपको बता दें कि धारा (Section) 206 के तहत दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान है कि अपराध के दोषी पाए जाने पर, सज़ा उस उद्देश्य पर निर्भर करती है जिसके लिए समन जारी किया गया था जैसे सामान्य मामलों में…यदि समन सामान्य उपस्थिति के लिए था, तो अपराधी को एक महीने तक के साधारण कारावास या ₹5,000 तक के जुर्माने, या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

अदालत में उपस्थिति के लिए – यदि समन किसी व्यक्ति को अदालत में व्यक्तिगत रूप से या किसी एजेंट के माध्यम से उपस्थित होने, या कोई दस्तावेज़ या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड प्रस्तुत करने के लिए था, तो सज़ा छह महीने तक के साधारण कारावास या ₹10,000 तक के जुर्माने, या दोनों से दंडित की जा सकती है।

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