BNS Section 213 in Hindi: भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 213, जो कोई भी व्यक्ति, लोक सेवक होते हुए, सत्य बोलने के लिए शपथ लेने या प्रतिज्ञान करने के लिए विधिक रूप से बाध्य है, तथा ऐसा करने से इंकार करता है, तो उसे उन्मोचित कर दिया जाएगा। तो चलिए आपको इस लेख में बताते हैं कि ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस (Bhaarateey dand sanhita) में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।
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धारा 213 क्या कहती है? BNS Section 213 in Hindi
जैसा कि आप जानते हैं कि अलग-अलग धाराओं में अलग-अलग अधिनियम और दंड हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बीएनएस की धारा 213 क्या कहती है, अगर नहीं तो आइए जानते हैं। बीएनएस (BNS) की धारा 213, उन लोक सेवकों से संबंधित है जो कानूनी रूप से सक्षम होने के बावजूद, किसी व्यक्ति को सच बोलने की शपथ दिलाने या प्रतिज्ञान कराने से इनकार करते हैं।
इस धारा के तहत, ऐसे व्यक्ति को छह महीने तक के साधारण कारावास या पाँच हज़ार रुपये तक के जुर्माने या दोनों से दंडित किया जा सकता है। यह अपराध लोक सेवकों के वैध प्राधिकार की अवज्ञा करने और विधि प्रक्रिया में बाधा डालने संबंधी अध्याय के अंतर्गत आता है।
बीएनएस धारा 213 की महतवपूर्ण बातें
- यह धारा ऐसे किसी भी व्यक्ति पर लागू होती है जो किसी ऐसे लोक सेवक के समक्ष सत्य कथन की शपथ लेने या प्रतिज्ञान करने से इनकार करता है, जो ऐसा करने के लिए कानूनी रूप से अधिकृत है।
- लोक सेवक का अधिकार – किसी व्यक्ति को शपथ या प्रतिज्ञान तभी लेना चाहिए जब लोक सेवक द्वारा कानूनी रूप से ऐसा करने के लिए कहा जाए।
- प्राधिकार की अवज्ञा – कानून के अनुसार, किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान लेने से इनकार करना, जो कानूनी रूप से ऐसा करने के लिए बाध्य है, लोक सेवक के वैध अधिकार का उल्लंघन है।
- यह धारा सुनिश्चित करती है कि कोई भी व्यक्ति कानूनी प्रक्रिया में बाधा नहीं डाल सकता, खासकर जब कोई व्यक्ति सत्य जानने के लिए आवश्यक शपथ या प्रतिज्ञान लेने से इनकार करता है।
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बीएनएस धारा 213 की और सजा
इसके अलवा आपको बता दें कि धारा (Section) 213 के तहत दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान है कि अपराध के दोषी पाए जाने पर, धारा 213 में दो प्रकार के दंड का प्रावधान है। यदि दी गई झूठी जानकारी किसी सामान्य विषय से संबंधित है, तो दोषी व्यक्ति को छह महीने तक के साधारण कारावास, ₹5000 तक के जुर्माने, या दोनों से दंडित किया जा सकता है।