क्या कहती है BNS की धारा 218, जानें इससे जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण बातें

BNS Section 218 in Hindi, BNS Section 218
Source: Google

BNS Section 218 in Hindi: भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 218  के अनुसार, जो कोई भी लोक सेवक होते हुए, किसी व्यक्ति को कानून के तहत दंडनीय अपराध की सज़ा से बचाने या किसी संपत्ति की ज़ब्ती को रोकने के इरादे से झूठी रिपोर्ट या दस्तावेज़ तैयार करता है, तो चलिए आपको इस लेख में बताते हैं कि ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस (Bhaarateey dand sanhita) में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।

Also Read: क्या कहती है BNS की धारा 214, जानें इससे जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण बातें

धारा 218 क्या कहती है? BNS Section 218 in Hindi

जैसा कि आप जानते हैं कि अलग-अलग धाराओं में अलग-अलग अधिनियम और दंड हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बीएनएस की धारा 218 क्या कहती है, अगर नहीं तो आइए जानते हैं। भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 218 लोक सेवकों के अभियोजन से संबंधित है। यह न्यायाधीशों, मजिस्ट्रेटों और अन्य लोक सेवकों पर उनके आधिकारिक कर्तव्यों के दौरान किए गए कथित अपराधों के लिए अभियोजन हेतु कुछ शर्तें और सुरक्षा उपाय निर्धारित करती है।

इस धारा के अनुसार, कुछ विशिष्ट मामलों को छोड़कर, किसी भी लोक सेवक पर अभियोजन के लिए सरकार की पूर्व अनुमति आवश्यक है, ताकि उन्हें उनके कार्य के दौरान अनावश्यक उत्पीड़न से बचाया जा सके और जवाबदेही तथा कर्तव्य के बीच संतुलन बनाए रखा जा सके।

बीएनएस धारा 218 की महतवपूर्ण बातें 

  • यह एक ज़मानती अपराध है, अर्थात गिरफ्तार व्यक्ति को ज़मानत मिल सकती है।
  • इस अपराध के लिए तीन वर्ष तक का कारावास, या जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।
  • इस धारा के अंतर्गत शिकायत केवल सरकारी अधिकारियों के विरुद्ध ही दर्ज की जा सकती है, क्योंकि इसमें पद का दुरुपयोग शामिल है।
  • इस धारा का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को ईमानदारी और जवाबदेही के साथ कार्य करने के लिए बाध्य करना है, ताकि वे अपने पद का दुरुपयोग न करें।
  • यह धारा भ्रष्टाचार को रोकने में भी मदद करती है, क्योंकि यह सरकारी अधिकारियों को गलत दस्तावेज बनाने से रोकती है।

Also Read: क्या कहती है BNS की धारा 213, जानें इससे जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण बातें

बीएनएस धारा 218 की और सजा

इसके अलवा आपको बता दें कि BNS  की धारा (Section) 218 के तहत दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान है कि, धारा 218 में इस प्रकार के दंड (Punishment)  का प्रावधान है। यदि दी गई झूठी जानकारी किसी सामान्य विषय से संबंधित है, तो दोषी व्यक्ति को  3 वर्ष  तक का कारावास (Imprisonment), जुर्माने, या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *