आंकड़े बताते हैं कि भारत में दलितों की साक्षरता दर 54% के आस पास है. उन्हें बेसिक शिक्षा के लिए भी तमाम जद्दोजहद से गुजरना पड़ता है. तो चलिए 5 ऐसे करियर आप्शन के बारे में जानते है.
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पहला है एंटरप्रेन्योरशिप, जिसके जरिए दलित अपना खुद का साम्राज्य स्थापित कर सकते हैं. कहा जाता है कि सपनों का पीछा करने का सबसे शानदार तरीका है अपना बिजनेस शुरू करना.
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दूसरा है वकालत आप ये पेशा चुनकर दलितों की और समाज की आवाज बन सकते हैं. आज के समय में दलित समुदाय को ऐसे नायकों की सबसे ज्यादा जरुरत है, जो उनके हक के लिए कोर्ट में डटकर लड़े. वकालत एक ऐसा करियर है.
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तीसरा ऑप्शन यह है कि दलित युवा डिजिटल दुनिया में अपनी पहचान बना सकते हैं, जो उनके भविष्य की चाबी साबित हो सकता है. दरअसल, आज का युग डिजिटल है. जो दलित स्टूडेंट्स को रातोंरात सितारा बना सकते हैं.
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दलित स्टूडेंट्स शिक्षक, कृषि ट्रेनर या हॉस्पिटैलिटी प्रोफेशनल बनकर न केवल अपनी जिंदगी संवार सकते हैं बल्कि अपने समुदाय को भी प्रेरित कर सकते हैं.
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दलितों के लिए पांचवा करियर ऑप्शन है राजनीति, इंजीनियरिंग या फिर मेडिसीन है. वहीं, इंजीनियरिंग और मेडिसिन जैसे क्षेत्रों में सरकार मेधावी दलित स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप और आरक्षण देती है.