हाल ही में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मेरठ (Meerut) से एक हैरान और परेशान करने वाला मामला सामने आया है. जहाँ एक दलित बस्ती में दलित समुदाय के लोग पिछले कुछ समय से काफी परेशान है. क्योंकि दलित बस्ती को जाने वाला 100 किलोवाट का ट्रांसफार्मर पिछले तीन माह से जर्जर खंभे पर रखा है. लेकिन कोई इसकी सुद लेने वाला कोई नहीं है. गुस्साए लोगों ने बीते कुछ दिन पहले बिजली दफ्तर में प्रदर्शन किया है. तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं.
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बिजली आपूर्ति और निवासियों की सुरक्षा
भारत में दलित उत्पीड़न कोई नया विषय नहीं है बल्कि सदियों से चली आ रही सामाजिक असमानता और भेदभाव का परिणाम है. भारतीय संविधान ने समानता और न्याय की गारंटी दी है और दलितों के अधिकारों की रक्षा के लिए विशेष प्रावधान भी किए गए हैं. इसके बावजूद आज भी देश के कई हिस्सों में जातिगत भेदभाव, हिंसा और सामाजिक बहिष्कार की घटनाएं लगातार सामने आती रहती हैं. ऐसा ही एक मामला यूपी से सामने आया है. जहाँ खरखौदा क्षेत्र के गांव बधौली में दलित बस्ती को जाने वाला 100 किलोवाट का ट्रांसफार्मर पिछले तीन माह से जर्जर खंभे पर रखा है.
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बिजली विभाग की और से कोई सुनवाई नहीं
मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार, गांव में रहने वाले लोगों ने बताया कि पिछले कई महीनों से गांव में लगा 100 किलोवाट का ट्रांसफार्मर बेहद खराब हालत में एक खंभे पर लगा है. जो कभी भी गिर सकता है. कई बार शिकायत करने के बाद भी विभाग की ओर से कोई सुनवाई नहीं हुई. गुस्साए लोगों का कहना है लापरवाही की भी हद होती है. किसी की जान का क्या कोई मोल नहीं है. ये सब प्रशासन की अनदेखी की वजह से हो रहा है.
वही गाँव में रहने वाले अरविंद, विपिन कुमार, राजेश कुमार, चरण सिंह, योगेश कुमार व रवि कुमार सभी लोग मोर्चा लेकर बिजलीघर पहुंचकर और बिजली विभाग के अधिरकारीयो से खंभा बदलने की मांग की. साथ ही उन्होंने बताया की पिछले कुछ समय में अंधी में वो बिजली का खम्भ एक और झुक खड़ा हो गया जब से आज तक वो उसी आहाल में है. लेकिन कोई भी उसको बदलवा नहीं रहा है. कभी-भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है.