Top 5 Dalit News: Policeman threw a Dalit minor from the roof, died on the spot.

top 5 dalit news
Source-google

Top 5 Dalit News: जब किसी के साथ कोई अपराध होता है तो पीड़ित शिकायत के लिए पुलिस के पास जाती है, लेकिन कोई तब क्या करेगा जब पुलिस वालो के कारण ही एक घर का चिराग बुझ गया वो भी उसके जन्म दिन वाले खुशियों के माहौल में। आखिर क्या गलती की थी इस दलित परिवार ने। तो वहीं उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से दलित मासूम बच्ची के साथ बर्बरता की गई, जिसने पूरे दलित समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या वो यूपी में रहे या पलायन करें। तो वहीं दलितों की जमीन को हथियाने के मामले तो अपने सुने होंगे, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ होगा जब किसी दलित पर इल्ज़ाम लगा जमीन कब्जा करने का, क्या है इसकी सच्चाई, इससे भी पर्दा उठेगा। तो वहीं अपने परिवार के आरोपो से तंग आकर एक दलित महिला ने कर दिया खुद को आग के हवाले, जबकि 1 साल पहले ही हुई थी दूसरी शादी… तो वहीं शिकायत करने की दलित महिला के साथ हुई मारपीट में आखिरकार न्याय मिलने की उम्मीद जागी….जानिये क्या है पूरा मामला।

नशे में धुत्त पुलिस वालों की दबंगई- दलित नाबालिक को छत से फेंका

हरियाणा के हिसार में एक दलित परिवार की खुशियां उस वक्त मातम में बदल गई जब उनका 16 साल का बेटे को शराब के नशे में धुत्त दो पुलिस वाले ने छत से फेंक दिया और नाबालिक की मौत हो गई। सोमवार को हुई इस घटना को लेकर पुलिस ने अभी तक कोई कार्.वाई नहीं की है। दरअसल वाल्मीकि समाज से आने वाले गणेश वाल्मीकि का 16वा जन्मदिन था। परिवार डीजे बजाकर नाच गा रहा था। तभी कुछ पुलिस वाले पार्टी में घुस आए और डीजे बंद करने को कहा। जिसके बाद दोनों पक्षों में बहस शुरू हुई और पुलिस वालों ने वहां मारपीट की। यहां तक कि औरतों को भी नहीं बख्शा। उनके साथ भी बेरहमी से मार पीट हुई। लेकिन दबंग पुलिसवालों का गुस्सा शांत नहीं हुआ तो उन लोगों ने गणेश वाल्मीकि को छत से फेंक दिया और गणेश की मौत हो गई। खुशियों का माहौल मातम में बदल गया। घरवालों ने अभी तक बच्चे का अंतिम संस्कार नहीं किया है। वो आरोपियों को निलंबित करने का मांग कर रहे है। भीम आर्मी चीफ चन्द्र शेखर आजाद रावण ने हरियाणा सरकार से इस मामले में जल्द से जल्द पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की है। लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर केवल दलित होने के कारण एक परिवार खुशियां भी नहीं मना सकता है। और इस तरह की बर्बरता की खबरें केवल बीजेपी शासित राज्यों से ही क्यों आती है। आप स्वयं विचार कीजिए। Top 5 Dalit News

लखनऊ में 7 साल की दलित बच्ची के साथ बर्बरता

सीएम योगी आदित्यनाथ का उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने का सपना लगता है केवल ठाकुरों के लिए ही रहा होगा। क्योंकि दलितों की हालत तो यहां रोजाना बदतर हो रही है। यूपी में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की सूची में एक बर्बरता शामिल हो गई। जी हां, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक ऐसी शर्मनाक घटना सामने आई है जो यूपी की कानून व्यवस्था का प्रत्यक्ष उदाहरण है। लखनऊ के मलिहाबाद में ट्यूबवेल में नहा रही 7 साल की मासूम दलित बच्ची के साथ गांव के ही सचिन यादव नाम के शख्स ने घिनौना काम किया। वो नहाते हुए इस मासूम को पास के बने कमरे में ले गया और दुष्कर्म किया। बच्ची जब काफी समय तक घर नहीं पहुंची तो परिवार वालों ने तलाश की तो बच्ची उन्हें उस कमरे में बदहवास हालत में मिली। बच्ची ने अपनी आपबीती सुनाई जिसके बाद पुलिस ने तुरंत छानबीन करके आरोपी सचिन यादव को गिरफ्तार कर लिया और बच्ची को मेडिकल जांच के अस्पताल भेजा गया। आरोपी ट्यूबवेल में ही पिछले कई दिनों से नौकरी करता था। मासूम बच्ची लखनऊ में अपने ननिहाल घूमने आई थी। लेकिन वो क्रूरता की यादें ले कर जाएगी। Top 5 Dalit News

यूपी में 6 दलितों पर जमीन हथियाने का आरोप

उत्तर प्रदेश के भदोही से एक ऐसी घटना सामने आई है जो शायद आपको भी हैरान कर दें। दअरसल विशाल सिंह नाम के शख्स ने शिकायत की है कि दलित समाज के 6 लोगों ने उसकी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की, उसके जमीन के चारों तरफ बनी बाउंड्री को इन 6 लोगों ने ढहा दिया। इतना ही नहीं दलितों ने विशाल को ये भी धमकी दी है कि अगर उसने जमीन नहीं दी तो वो उसे एस सी एस टी एक्ट मामले में झूठा केस करके फंसा देंगे। अब तक दलितों की जमीन पर कब्जा करने की खबरें सुनी जा रही थी लेकिन ऐसा पहली बार होगा जब दलित जमीन पर कब्जा कर रहे है। हालांकि आपको जानकार बड़ी हैरानी की पुलिस ने इस मामले में दलित समाज के लोगों के खिलाफ कई धाराएं लगा कर मामला दर्ज कर लिया है। अब देखना ये होगा कि इस पर दलित समाज के लोगों की क्या प्रतिक्रिया आती है। लेकिन ये तो तय की अगर मामला दलितों के खिलाफ है तो पुलिस नींद से जाग जाती हैं.

तमिलनाडु में एक दलित महिला ने आग लगा कर की खुदकुशी

तमिल नाडु के तिरुवन्नामलाई से एक बेहद ही दर्दनाक खबर आई है जहां 35 साल की एक दलित महिला ने खुद को आग के हवाले कर दिया, जबकि 1 साल पहले की महिला की दूसरी शादी शादी हुई थी। दरअसल महिला के दूसरे पति के परिवार ने उसपर सोने के गहने चोरी करने का आरोप लगाया, जिसके बाद लगातार उसे प्रताड़ित किया जा रहा था। महिला ने खुद को बेकसूर साबित करने की बहुत कोशिश की लेकिन थक हार कर उसने खुद को आग लगा लिया, जहां अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। खुदकुशी करने वाली महिला का नाम टी. यमुना है जो कि नागपट्टिनम जिले की रहने वाली थी, जो कि पहले से तलाकशुदा थी और उसने सोरपनांडल गाँव के रहने वाले 42 वर्षीय एस. थेन्नारासु से पिछले साल 24 जून को शादी की थी। दोनो एस. थेन्नारासु की बड़ी बहन के. विजया के घर पर रहते थे और विजया ने ही युवती पर चोरी का आरोप लगाया था। आरोपो से तंग आकर दोनो  महिला की खुदकुशी के बाद एस. थेन्नारासु की छोटी बहन के घर रहने चले गए थे, लेकिन यहां दलित महिला ने खुदकुशी कर ली। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है कि क्या ये वाकई में आत्महत्या है .या सोची समझी साजिस के तहत की गई हत्या।

दलित महिला के साथ मारपीट को लेकर जागी न्याय की उम्मीद

हरियाणा के कैथल में करीब 12 दिन बीत जाने के बाद पुलिस की बर्बरता का शिकार महिला को आखिरकार न्याय की उम्मीद मिल ही गई। 30 जून को 17 साल की एक बच्ची के लापता होने का मामला दर्ज कराने की गई महिला के साथ पुलिस वालों ने कथित तौर पर मारपीट की, इस मारपीट में महिला को गंभीर चोटे आई थी, लेकिन पुलिस के खौफ के कारण महिला का किसी डॉक्टर ने इलाज करने के इंकार कर दिया था। लेकिन अब इस मामले में राज्य अनुसूचित जाति आयोग कूद पड़ा है जिससे कारण महिला को न्याय मिलने की उम्मीद जागी.. आयोग के अध्यक्ष रविंदर बलियाला ने पीड़िता और दलित समुदाय के लोगो की बातों को गंभीरता से लेते हुए एक हफ्तें के अंदर जांच रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। इस मामले में 2 पुलिस कर्मियों के निलंबन होने की खबर भी है। लेकिन सवाल ये है कि आखिर दलितों को न्याय दिलाने के लिए संगठनो को क्यों कूदना पड़ता है। जब कानून सबके लिए एक जैसा है तो फिर दलितों के मामले में कानून अंधा क्यों हो जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *