Top 5 news of Dalit: टेक्नोलॉजी भले ही आपकी लाइफ को आसान बनाती हो लेकिन इसी के कारण अपराधियों का मनोबल भी बढ़ रहा है। दलितों के भगवान माने जाने वाले बाबा साहब को AI( Artificial Information) के जरिए अश्लीलता से नचाने का सनसनीखेज मामला सामने आया तो वही उत्तर प्रदेश में नहीं रुक रहा दलित बेटियों का उत्पीड़न। लेकिन इस बार एक दलित बेटी की जिंदगी से खेलने वाला है एक पुलिस वाला, क्या है पूरा मामला जानेंगे, साथ ही जानेंगे कि भीम आर्मी चीफ ने प्रयागराज न जाने को लेकर कौन सा बड़ा खुलासा किया, जिसने पूरे दलित समाज को डरने पर मजबूर कर दिया, तो वहीं जब एक यादव समाज ने व्यक्ति ने केवल उधार के पैसे मांगने पर दुकानदार के दौड़ा दौड़ा कर मारा क्योंकि वो दुकानदार दलित समाज का था। तो वहीं बहुजन समाज पार्टी के नेता की शहादत दिवस पर जमा हुई भीड़। सभी खबरों को जानेंगे विस्तार से।
बाबा साहब का अश्लील डांस का वीडियो वायरल
कहते है कि टेक्नोलॉजी लोगों की सहूलियत के लिए बनाई गई है लेकिन अब इसका इस्तेमाल लोगों की इज्जत के साथ खेलने के लिए भी किया रहा है। दलित समाज के मसीहा बाबा साहब के कुछ वीडियो वायरल हो रहे है। जिसमें बाबा साहब को नाचते देख रहा है तो वहीं उनकी कुछ अश्लील पिक्चर भी शेयर की गई। बाबा साहब का निधन हुए 69 साल होने जा रहे है। अब सवाल ये उठता कि आखिर फिर इस तरह की वीडियो आई कहा से। तो जवाब है आर्टिफीशियल इन्फोर्मेशन यानी AI, दरअसल लोदी भाई यूपी1 नाम के यूजर ने बाबा साहब की अभद्र वीडियो बना कर डाली थी। जिसके कारण दलितों के काफी गुस्सा था। वो लगातार इस सख्श को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे, हालांकि लोगों की खरी खोटी सुनकर इस शख्स ने पोस्ट ही डिलीट कर दी लेकिन तब तक ये वीडियो काफी विवादित हो गया। सवाल ये उठता है कि आखिर इन लोगों में इतनी हिम्मत आती कहां से है जो बाबा साहब जैसे महापुरुष को इस कदर बेज़्ज़त करे। आपको क्या लगता है , क्या इस आदमी की वाकई में गिरफ्तारी होनी चाहिए हमे कमेंट करके जरूर बताएं।
यूपी में दलित नबालिक बच्ची के साथ पुलिस कॉन्सटेबल बर्बरता
वहीं उत्तर प्रदेश में दलित बच्चियों के साथ होने वाली बर्बरता रुकने का नाम नहीं ले रही है। एंटी रोमियो स्कवॉड (anti romeo squad) की शुरुआत करके महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाले यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के राज्य में दलित महिलाओं की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। यूपी के फतेहगढ़ में एक पुलिस कॉन्स्टेबल द्वारा एक दलित नाबालिक बच्ची का न केवल अपहरण किया गया बल्कि उसे बच्ची के साथ दुष्कर्म भी किया। बच्ची स्कूल जा रही थी लेकिन तभी कॉन्स्टेबल विनय चौहान ने बच्ची को जबरन अपनी कार में खींचा और अपहरण करके ले गया था, बच्ची के साथ मारपीट की गई और बंदूक की नोक पर दुष्कर्म किया। लेकिन कुछ स्थानीय लोगों ने विनय चौहान को बच्ची को कार से धकेलते देख लिया और उसे पकड़ने के लिए दौड़े, लेकिन भीड़ देकर कांस्टेबल कार छोड़कर भागने की कोशिश करने लगा लेकिन भीड़ ने उसे पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया लेकिन तब खुलासा हुआ कि बलात्कारी तो खुद पुलिस वाला है। फिलहाल विनय को सस्पेंड कर दिया गया। लेकिन सवाल ये उठता कि यूपी में जिन पुलिस वालो को दलित उद्पीड़न रोकना चाहिए वहीं सबसे ज्यादा दलितों का शोषण कर रहे है। जो यूपी की दलित महिलाओं के लिए खतरे की घंटी है।
भीम आर्मी चीफ का खुलासा- दलित परिवार से मिलते तो होती बड़ी हिंसा
अब बात करते हैं उस खबर की जिसके कारण पिछले कुछ दिनों से काफी हंगामा हो रहा है। रविवार को प्रयागराज में भीम आर्मी चीफ के काफिले को रोकने को लेकर हुए बवाल पर चंद्र शेखर आजाद रावण ( Chandra shekhar azaad ravan) ने एक बड़ा खुलासा किया है। भीम आर्मी ने माना कि अगर वो रेप पीड़िता दलित बच्ची से मिलने जाते तो जो दंगे फसाद हुए , वो और बड़े स्तर पर करवाए जाते। उन्होंने माना कि पहले जो लोग आए थे वो भीम आर्मी के सपोर्टर थे लेकिन उन्हें तो कुछ ही देर में भगा दिया गया और उनके भागने के बाद करनी सेना और यूपी पुलिस ने अपना खेल शुरू किया। जिन चीजों को तोड़ा गया वो दलित समाज के लोगों की है। उन्होंने माना कि अगर वो पीड़िता से मिलने जाते तो और बड़े दंगे होते है। इसमें पुलिस, स्थानीय नेता और एक संगठन का हाथ है। हमारे लोग बेकसूर है। भीम आर्मी चीफ के इस खुलासे के बाद यूपी सरकार भी घेरे में आ गई है। इस मामले में धीरे धीरे कई बड़े खुलासे हो रहे है, देखते है कि आगे और कौन सा चौंकाने वाला सच सामने आएगा।
उधार के पैसे मांगने पर दलित युवक दौड़ा दौड़ा कर पीटा
उत्तर प्रदेश में एक शख्स को उधार के पैसे मांगना बहुत भरी पड़ा। सुल्तानपुर से एक वीडियो आया है। इस वीडियो में एक शख्स की कुछ लोग बेरहमी से पिटाई कर रहे है। जिस आदमी को पीटा जा रहा है वो दलित समाज से है और जो पीट रहा है वो यादव समाज से। मार खाने वाले शख्स को केवल इस लिए पीटा गया क्योंकि उसकी परचून की दुकान थी और उसने उधार देने से इनकार कर दिया था। इतना ही नहीं उधार के पिछले पैसे की मांग की थी। फिर क्या था, सूरजभान यादव और विवेक यादव ने दलित दुकानदार को दौड़ा दौड़ा कर मारा। हैरानी की बात तो ये है कि सुल्तानपुर के स्थानीय विधायक और पुलिस ने मिलकर इस मामले को रफा दफा कर दिया। मतलब साफ है कि जब तक दलित दबेंगे तब तक ठीक है लेकिन अगर हक के लिए आवाज उठाई जो बदले में मिलेगी प्रताड़ना।
गुजरात में मौत से खेलते दलित सफाई कर्मचारी, वीडियों वायरल!
गुजरात में दलितों को जानवरों की तरह समझने का एक और उदाहरण सामने आया है। ये मामला है जूनागढ़ का। अप्रैल में गटर साफ करते वक्त दो दलित सफाई कर्मचारियों की मौत होने का मामला अभी शांत भी नहीं हुई थी कि जूनागढ़ के जिले की भेसान नगरपालिका में फिर से एक दलित कर्मचारी का गटर साफ करना वीडियों वायरल हो गया है। इस वीडियों में साफ देखा जा सकता है कि दलित शख्स बिना किसी सेफ्टी के गटर में उतार दिया गया है, और वो भी तेज बारिश के दौरान। कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवानी ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखते हुए कहा कि ये बेहद शर्मनाक है। उन्होंने राज्य सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार चाहती है कि दलित हमेशा नाली में उतर कर, गटर में उतर कर जिंदगी भर सफाई करते रहे, क्योंकि उससे दलित सफाई कर्मचारियों को पीएम मोदी के अनुसार अध्यात्मिक सुख मिलता है। बता दें पीएम मोदी ने कहा था कि सफाई कर्मचारियों को अपना काम करके अध्यात्मिक सुख मिलता है। ये मामला अब गर्माने लगा है। उन्होंने मांग की है कि वो वो जांच कराए कि जिले में ऐसे कितने सफाई कर्मचारी है जो अभी भी गटर में उतरते है, मल साफ करते है। आपको बता दें कि सफाई कर्मचारियों की काम के दौरान मौत होने में गुजरात दूसरे स्थान पर है, जो बेहद ही चौंकाने वाले आकड़े है।