Mathura: बाबासाहेब की मूर्ति तोड़ने पर सीह गांव में हंगामा, गोवर्धन-बरसाना मार्ग पर चक्काजाम

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Babasaheb’s statue broken: हाल ही में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मथुरा (Mathura) से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली एक खबर सामने आई है. जहाँ डॉ. भीमराव अंबेडकर (Dr. Bhimrao Ambedkar) की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ कर तोड़ फोड़ की गयी है. वही स्थनीय लोगो को जब इस बात का पता चला है तो उन्होंने गोवर्धन-बरसाना मार्ग (Govardhan-Barsana road) पर जाम लगा दिया और प्रशासन के खिलाफ जमकर प्रोटेस्ट करना शुरू कर दिया। किसी तरह मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत किया और गुस्साए  लोगो को आश्वासन दिया कि जल्द ही नई मूर्ति स्थपित की जाएगी।  चलिए आपको इस लेख में पूरे  मामले के बारे में विस्तार से बताते है.

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डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के तोड़ फोड़

दलितों के मसीहा कहे जाने वाले डॉ. अंबेडकर, जिन्हें दलित समुदाय अपना भगवान मानता है, डॉ. भीमराव अंबेडकर ने अपना पूरा जीवन दलितों, मजदूरों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों के संघर्ष में समर्पित कर दिया. लेकिन आज भी मनुवादी सोच वाले लोग उनका अपमान करते हैं. उनकी मूर्तियों को तोड़ देते हैं. ऐसा ही एक मामला मथुरा से सामने आया है. जहां बीते दिन यानी 27 जुलाई को गोवर्धन-बरसाना मार्ग पर स्थित अंबेडकर पार्क में लगी डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति का हाथ और उंगली तोड़ दी गई. सुबह जब लोग पार्क पहुंचे तो उन्होंने अंबेडकर की मूर्ति के साथ यह व्यवहार देखा.

दरअसल, बुधवार रात गोवर्धन तहसील के सेह गांव में अज्ञात असामाजिक तत्वों ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया. इस घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने गोवर्धन-बरसाना मार्ग पर जाम लगा दिया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाकर शांत किया और नई मूर्ति लगवाने का आश्वासन दिया, जिसके बाद जाम खुल सका. गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.

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ग्रामीणों ने आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग की

मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार, आक्रोशित ग्रामीणों ने नगर पालिका से मांग की है कि इस शर्मनाक कृत्य को अंजाम देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. उनका कहना है कि यह सामाजिक माहौल बिगाड़ने की साजिश है और प्रशासन इसे हल्के में न ले. इस पर जल्द ही कड़ी कार्रवाई की जाए. अन्यथा, भविष्य में भी इसी तरह का आंदोलन होगा. ग्रामीणों में इस बात को लेकर भी गुस्सा है कि घटना के कई घंटे बीत जाने के बाद भी कोई पुलिस या प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुँचा है. न ही मूर्ति को लेकर कोई कार्रवाई की गई है. हालात पहले जैसे ही हैं. आपको बता दें कि यह घटना सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश लग रही है. इस पर तत्काल और प्रभावी कार्रवाई की आवश्यकता है.

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