क्या कहती है BNS की धारा 173, जानें इससे जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण बातें

BNS Section 173 in Hindi, BNS Section 173
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BNS Section 172 in Hindi: भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 173 रिश्वतखोरी के दंड से संबंधित है। यह धारा उन कृत्यों को परिभाषित करती है जिन्हें रिश्वतखोरी माना जाएगा और उनके लिए दंड निर्धारित करती है। तो चलिए आपको इस लेख में बताते  हैं कि ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस (Bhaarateey dand sanhita) में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।

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धारा 172 क्या कहती है? BNS Section 172 in Hindi

आपने देखा होगा कि आज के समय में अगर कोई बड़ा काम करवाना हो या कोई काम चोरी-छिपे करवाना हो या किसी को बड़े अपराध में फंसने से बचाना हो, तो लोग झट से रिश्वत दे देते हैं। जिससे आसानी से गैरकानूनी काम किया जा सकता है। आपको बता दें, ये कोई छोटी-मोटी रकम नहीं, बल्कि बड़ी रकम होती है। रिश्वत लेना और देना, दोनों ही भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं, विकास को रोकते हैं और गरीबी बढ़ाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रिश्वत लेने पर क्या सजा हो सकती है और ये किस धारा के तहत आती है? अगर नहीं, तो चलिए हम आपको बताते हैं।
भारतीय दंड संहिता की धारा 173 रिश्वतखोरी के अपराध के दोषी व्यक्तियों के लिए दंड का प्रावधान करती है। जिसमें रिश्वत लेने या देने के अपराध की व्याख्या की गई है। धारा 173 के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति जो किसी को रिश्वत देकर अपना काम करवाता है या किसी काम को करने के लिए रिश्वत मांगता है। उस व्यक्ति के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 173 के अंतर्गत मामला दर्ज करके उसे दंडित करने की कार्रवाई की जाती है।

बीएनएस धारा 172 की मुख्य बातें

  • “उपचार” द्वारा रिश्वत: इसमें एक विशेष प्रावधान है: यदि रिश्वत “उपचार” के रूप में दी जाती है, तो दंड केवल जुर्माना होगा। “उपचार” से तात्पर्य रिश्वत के उस रूप से है जहाँ संतुष्टि भोजन, पेय, मनोरंजन या किसी अन्य प्रकार के प्रावधान के रूप में दी जाती है।
  • यह एक असंज्ञेय अपराध है, जिसका अर्थ है कि पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तारी नहीं कर सकती।
  • यह एक ज़मानतीय अपराध है, जिसका अर्थ है कि अभियुक्त को ज़मानत पर रिहा किया जा सकता है।
  • इसका विचारण प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट द्वारा किया जा सकता है।

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इसके अलवा आपको बता दें कि धारा 170 के तहत दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान है कि जो कोई रिश्वतखोरी का अपराध करेगा, उसे एक वर्ष तक के कारावास या जुर्माने या दोनों से दण्डित किया जा सकेगा। इसके अलावा उसे जेल भी हो सकती है।

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