क्या कहती है BNS की धारा 181, जानें इससे जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण बातें

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BNS Section 181 in Hindi: भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 181 कई अलग-अलग अपराधों से संबंधित है। यह धारा मुख्यतः उन मामलों से संबंधित है जहाँ अपराध किया गया है और उस अपराध की जाँच और सुनवाई का स्थान निश्चित कर दिया गया है। तो चलिए आपको इस लेख में बताते हैं कि ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस (Bhaarateey dand sanhita) में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।

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धारा 181 क्या कहती है? BNS Section 181 in Hindi

जैसा कि आप जानते हैं कि अलग-अलग धाराओं में अलग-अलग अधिनियम और दंड हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बीएनएस की धारा 178 क्या कहती है, अगर नहीं तो आइए जानते हैं। बीएनएस (BNS) की धारा 181, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 235 के समान है। यह धारा उन लोगों से संबंधित है जो नकली सिक्के, करेंसी नोट, सरकारी स्टाम्प या बैंक नोट बनाने या इस्तेमाल करने के लिए उपकरण या सामग्री बनाते, मरम्मत करते, खरीदते, बेचते या रखते हैं, या जो जानते हैं कि उनका इस्तेमाल ऐसे उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। इस अपराध के लिए आजीवन कारावास या 10 साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान है।

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BNS की धारा 181 महत्वपूर्ण बातें 

  • जालसाजी या नकली सिक्के बनाना – जो कोई भी नकली नोट, सरकारी टिकट या बैंक नोट बनाने या रखने के लिए उपकरण या सामग्री बनाता है या रखता है, उसे इस धारा के तहत दंडित किया जा सकता है।
  • झूठा बयान देना – यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी लोक सेवक के समक्ष शपथ या प्रतिज्ञान पर झूठा बयान देता है, तो उसे भी इस धारा के तहत दंडित किया जा सकता है।
  • जालसाजी के लिए उपकरण या सामग्री बनाना, मरम्मत करना, खरीदना, बेचना या अपने पास रखना – यदि कोई व्यक्ति नकली सिक्के, नोट या टिकट बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण या सामग्री बनाता है, मरम्मत करता है, खरीदता है, बेचता है या अपने पास रखता है, तो वह इस धारा के तहत दंडनीय अपराध करता है।

बीएनएस धारा 181 सजा 

इसके अलवा आपको बता दें कि धारा (Section) 179 के तहत दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान है कि उसे आजीवन कारावास से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।

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