कर्नाटक में पुलिस की बर्बरता का शिकार हुआ दलित युवक, फांसी लगाकर दी जान

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Dalit youth commits suicide: हाल ही में कर्नाटक (Karnataka) का बस्तिगड्डे (Bastigadde)एक हैरान परेशान करने वाली खबर सामने आई है. जहाँ एक दलित युवक ने पुलिस वालों के टॉर्चर से तंग आकर एक दलित युवक ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. जिसके बाद मृतक के परिवार ने इस घटना की शिकायत दर्ज करवाई. तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारें में विस्तार से बताते हैं.

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दलित युवक ने लगायी फंसी

बीते दिन दलित उत्पीड़न की एक खबर कर्नाटक से सामने आई है, जहां पुलिस वालों के टॉर्चर से तंग आकर एक दलित युवक ने फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली. मृतक ने अपने सुसाइड नोट में पुलिस वालों द्वारा किए गए अत्याचार के बारे में भी बताया है. दरअसल, ये घटना है कर्नाटक के चिक्कमगलुरु जिले (Chikkamagaluru district) के कलसा तालुक (Kalasa taluk) के समसे गांव (Samse Village) की, जहां बस्तिगड्डे (Bastigadde) में रहने वाले एक 27 साल के दलित युवक नागेश ने अपने घर में फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली.

वही मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकरी के मुताबिक, नागेश ने 15 जुलाई को कुड्रेमुख पुलिस स्टेशन में कॉन्स्टेबल सिद्धेश के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में आरोप था कि सिद्धेश ने उसकी पिटाई की और जातिसूचक टिप्पणियां कीं. शिकायत के अनुसार, यह घटना रात करीब 10:30 बजे हुई, जब नागेश अपनी ऑटोरिक्शा से लौट रहा था. रास्ते में उसने सिद्धेश और दो स्थानीय लोगों को सड़क पर खड़े देखा, जिनकी गाड़ी रास्ता रोककर खड़ी थी.

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पुलिस कांस्टेबल के खिलाफ शिकायत 

अंधेरा होने के कारण नागेश मोबाइल फोन की टॉर्च जलाकर आगे बढ़ा. कॉन्सटेबल सिद्धेश को शक हुआ कि नागेश उनकी शराब पीते हुए तस्वीर ले रहा है, जिसके बाद कथित रूप से सिद्धेश ने उसकी पिटाई की और गालियां दीं. परिजनों का कहना है कि नागेश की शिकायत पर कार्रवाई करने के बजाय पुलिस ने उसके खिलाफ ही सरकारी काम में बाधा डालने का मामला दर्ज कर लिया.

इतना ही नहीं, दलित युवक का ऑटोरिक्शा और कीटनाशक स्प्रे मशीन भी जब्त कर लिया. हालांकि, नागेश को जमानत को मिल गई लेकिन वो अपना जब्त ऑटो और मशीन नहीं छुड़ा पाया. उसकी आर्थिक हालात काफी कमजोर थी और पुलिस के अत्याचार से तंग आकर उसने खुदकुशी कर ली. मृतक के परिवार वालों ने तुरंत दोनो पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने की मांग की है साथ ही गांव वालों ने पीड़ित परिवार के लिए 50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग है. फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.

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