BNS Section 220 in Hindi: भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 220 के अनुसार, इस धारा के तहत, मुख्य रूप से किसी लोक सेवक द्वारा शपथ लेने या प्रतिज्ञान करने से इनकार करने, किसी प्रश्न का उत्तर देने से इनकार करने, या कानूनी रूप से अपेक्षित होने पर किसी बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने से संबंधित है। तो चलिए आपको इस लेख में बताते हैं कि ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस (Bhaarateey dand sanhita) में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।
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धारा 220 क्या कहती है? BNS Section 220 in Hindi
जैसा कि आप जानते हैं कि अलग-अलग धाराओं में अलग-अलग अधिनियम और दंड हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बीएनएस की धारा 220 क्या कहती है, अगर नहीं तो आइए जानते हैं। भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 220 उन व्यक्तियों को दंडित करती है जो किसी लोक सेवक द्वारा वैध रूप से बेची गई संपत्ति की खरीद के लिए अवैध रूप से बोली लगाते हैं, या किसी ऐसे व्यक्ति के नाम पर संपत्ति खरीदते हैं।
जो कानूनी रूप से उस संपत्ति को खरीदने में असमर्थ है, या बोली लगाने के अपने दायित्वों को पूरा करने से बचने के इरादे से बोली लगाते हैं। यह धारा सार्वजनिक नीलामी में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करती है, और उल्लंघन करने पर एक महीने तक की कैद, जुर्माना, या दोनों से दंडित किया जा सकता है।
बीएनएस धारा 220 की महतवपूर्ण बातें
- किसी लोक सेवक के वैध प्राधिकार द्वारा बिक्री के लिए रखी गई संपत्ति की अवैध खरीद या बोली लगाना।
- जिसे वह कानूनी रूप से खरीदने में असमर्थ है, या इस इरादे से बोली लगाता है कि वह ऐसी बोली से उत्पन्न दायित्वों को पूरा नहीं करेगा।
- सार्वजनिक नीलामी और संपत्ति से संबंधित कानूनी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता, निष्पक्षता और सत्यनिष्ठा बनाए रखना।
- कोई भी व्यक्ति जो किसी लोक सेवक द्वारा बेची जा रही संपत्ति को अवैध रूप से खरीदता है या उसके लिए बोली लगाता है।
- यह धोखाधड़ी और सार्वजनिक नीलामी में बाधा डालने से संबंधित है।
- इस धारा का मुख्य उद्देश्य लोक सेवकों द्वारा की जाने वाली सार्वजनिक बिक्री में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखना है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कानूनी रूप से अयोग्य व्यक्ति अप्रत्यक्ष रूप से संपत्ति न खरीद सकें।
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बीएनएस धारा 220 की और सजा
इसके अलवा आपको बता दें कि BNS की धारा (Section) 220 के तहत दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान है कि, धारा 220 में इस प्रकार के दंड (Punishment) का प्रावधान है। यदि दी गई झूठी जानकारी किसी सामान्य विषय से संबंधित है, तो दोषी व्यक्ति को एक महीने का कारावास और पाँच हज़ार रुपये (Imprisonment), जुर्माने, या दोनों से दंडित किया जा सकता है।