Bagpat News: हाल ही में उत्तर प्रदेश के बागपत से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। खेड़ा इस्लामपुर गांव के एक दलित परिवार ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर में आत्मदाह करने की कोशिश की, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। यह घटना कानून व्यवस्था की गंभीरता पर सवालिया निशान लगाती है, साथ ही सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों के प्रति व्यापक उपेक्षा को भी दर्शाती है। तो चलिए, इस लेख में हम आपको पूरी स्थिति का ब्यौरा देते हैं।
गांव के प्रधान ने दलित परिवार की जमीन जबरन हड़प ली
कल एक पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान ने उनकी पुश्तैनी जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है। परिवार का कहना है कि उन्होंने कई बार प्रशासन से शिकायत की है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। न्याय की कोई उम्मीद न होने पर परिवार को मजबूरन यह गंभीर कदम उठाना पड़ा। उनका यह भी कहना है कि ग्राम प्रधान ने गांव के कुछ प्रभावशाली लोगों के साथ मिलकर उनकी सात बीघा जमीन पर जबरन कब्जा करने की कोशिश की है और उस जमीन पर श्मशान घाट बनाने की योजना बनाई जा रही है।
पीड़ित परिवार का आरोप है कि सोमवार को लेखपाल और कानूनगो की टीम पीएसी के साथ उनकी जमीन पर कब्जा लेने पहुंची, जिससे परिवार में रोष फैल गया। उनका कहना है कि बिना किसी नोटिस के उनकी जमीन पर कार्रवाई की जा रही है। जबकि विरोध पर कोई सुनवाई नहीं हुई।
कलेक्ट्रेट पहुंचा पीड़ित परिवार
गुस्साए पीड़ित परिवार ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर आत्मदाह की कोशिश की। परिवार के लोग पेट्रोल की बोतल लेकर कलेक्ट्रेट परिसर में घुस गए और खुद पर तेल डालना शुरू कर दिया, लेकिन वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने उनकी बोतल छीन ली। इससे परिसर में कुछ देर के लिए अफरातफरी मच गई। मौके पर पहुंचे कलेक्ट्रेट प्रभारी अमरचंद त्रिपाठी ने पीड़ित परिवार को समझाकर शांत कराया।
इस झगड़े के चलते लेखपाल और कानूनगो की टीम जमीन पर कब्जा नहीं करा सकी और वापस लौट गई। आपको बता दें इस घटना के बाद गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है। पीड़ित दलित परिवार प्रशासन से न्याय की मांग कर रहा है।