Meerut News: हाल ही में उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के एक गांव में ठाकुर समुदाय के लोगों द्वारा रास्ते पर विवादित बोर्ड लगाए जाने की घटना ने दलित समाज में आक्रोश पैदा कर दिया है। इस बोर्ड में कथित तौर पर जातिवादी और अपमानजनक संदेश लिखे गए थे, जिससे दलित समुदाय के लोग नाराज हो गए। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन से बोर्ड हटाने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में बताते हैं।
जानें क्या है पूरा मामला?
अक्सर उत्तर प्रदेश के मेरठ में ठाकुरों द्वारा रास्ते पर विवादित बोर्ड लगाने और उसके विरोध में दलित समाज के उतरने की खबरें सामने आती रही हैं। यह घटनाएँ अक्सर जातिगत तनाव और सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने का कारण बनती हैं। अब ऐसा ही मामला फिर एक बार सामने आया है दरअसल, मेरठ के इंचौली थाना क्षेत्र के बहचोला गांव में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। जानकारी के अनुसार गांव में ठाकुर समुदाय के कुछ लोगों ने मुख्य सड़क पर एक बोर्ड लगा दिया और उस पर लिख दिया “गांव बहचोला ठाकुरों में आपका स्वागत है”।
शिकायत करने के बाद भी कोई ठोस करवाई नहीं
जिसके बाद पीड़ित बबलू पुत्र रामकृपाल ने एसएसपी को शिकायती पत्र दिया, जिसमें बताया कि 19 मई को प्रियांशु ठाकुर, ललित ठाकुर, अरुण ठाकुर व शैलू कौशिक ने विवादित बोर्ड लगवाया था। इसकी शिकायत दलित समुदाय के बबुल, रोहित, दीपक, संदीप व विवेक ने की, लेकिन उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इस शिकायत पत्र में यह भी कहा गया है कि कुछ लोग रात में दलित बस्ती में घुस आए और जान से मारने की धमकी दी। तलवारें लहराई, जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया और बोर्ड के खिलाफ शिकायत करने पर बदला लेने की धमकी दी। पीड़ितों ने एसएसपी से अनुरोध किया है कि वह थाना प्रभारी को मामले को गंभीरता से लेने के निर्देश दें।
आपको बता दें, इस घटना को लेकर दलित समुदाय के लोग इस विवादित बोर्ड के विरोध में एकजुट हो गए हैं और प्रशासन से इसे तुरंत हटाने की मांग की है। इस घटना से इलाके में तनाव का माहौल है और पुलिस स्थिति पर नज़र बनाए हुए है। यह मामला एक बार फिर ग्रामीण इलाकों में जातिगत संवेदनशीलता और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की चुनौती को उजागर करता है।