Chhatarpur News: हाल ही में मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले से एक बेहद शर्मनाक घटना सामने आई है। यहां एक आरोपी ने दलित साधु पर त्रिशूल से हमला कर दिया, जिससे साधु गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हमला तब हुआ जब साधु ने हमलावर को चिकन खाने और पकाने के लिए बर्तन देने से मना कर दिया। इस हमले में साधु इंद्र बहादुर अहिरवार का हाथ टूट गया और उनके शरीर के अन्य हिस्सों में भी चोटें आईं। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते है।
दलित साधू पर त्रिशूल से हमला
बीते दिन कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले से जातीय हिंसा की एक चिंताजनक घटना सामने आई है, जिसमें मंदिर में मांस खाने पर आपत्ति जताने पर दलित साधु पर त्रिशूल से हमला किया गया। बता दें, यह घटना 26 मई 2025 को सरबई थाना क्षेत्र के एक मंदिर परिसर में हुई थी। वही पीड़ित साधु इंद्र बहादुर अहिरवार ने बताया कि जब उन्होंने मंदिर में मांस खाने से मना किया तो आरोपी छुट्टन पटेल ने उन पर त्रिशूल से हमला कर दिया, जिससे उनका हाथ टूट गया और शरीर पर गंभीर चोटें आईं।
हमलावर तब तक नहीं रुका जब तक साधु की हालत गंभीर नहीं हो गई। जिसके बाद पुलिस ने घटना का संज्ञान लेते हुए शिकायत दर्ज कर एससी/एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई की और आरोपी छुट्टन पटेल के खिलाफ आईपीसी की धारा 296, 115(2), 315(2), 3(1)डी, 3(1)डी, 3(2)डब्लू के तहत मामला दर्ज किया गया है।
दलितों के साथ हो रहे अत्याचार
आपको बता दें, यह घटना न केवल धार्मिक आस्था का अपमान है, बल्कि समाज में दलितों के साथ हो रहे अत्याचारों को भी उजागर करती है। पुलिस ने मामले में तत्परता से कार्रवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की है, लेकिन इस घटना ने जातिगत हिंसा और सामाजिक सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इससे पहले भी छतरपुर में दलित समुदाय के खिलाफ कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जैसे दलित परिवार पर लाठियों से हमला करना और दलित युवक को नंगा करके पीटना। इन घटनाओं ने समाज में जातिगत भेदभाव और असमानता की गंभीर स्थिति को उजागर किया है।
यह घटना समाज में समानता और सम्मान की आवश्यकता को और भी महत्वपूर्ण बनाती है। समाज के सभी वर्गों को एकजुट होकर जातिगत भेदभाव और हिंसा के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए, ताकि इस तरह के कृत्यों को रोका जा सके और समाज में शांति और सद्भाव स्थापित हो सके।