क्या कहती है BNS की धारा 121,जानें महत्वपूर्ण बातें

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BNS Section 121 in Hindi: भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 121 किसी लोक सेवक को उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए स्वेच्छा से चोट या गंभीर चोट पहुंचाने से संबंधित है। तो चलिए जानते  हैं ऐसा करने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है और बीएनएस में व्यभिचार के बारे में क्या कहा गया है।

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धारा 121 क्या कहती है? BNS Section 121 in Hindi

भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 121 लोक सेवकों की सुरक्षा और स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कानूनी प्रावधान है। यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी व्यक्ति कानून के प्रतिनिधियों को उनके कर्तव्यों का पालन करने से जबरन नहीं रोक सकता है और अगर कोई ऐसा करता है तो उसे कड़ी सजा का सामना करना पड़ सकता है। इस धारा के अंतर्गत, यदि कोई व्यक्ति किसी लोक सेवक को स्वेच्छा से इस आशय से क्षति या गंभीर क्षति पहुंचाता है कि ऐसा लोक सेवक अपने वैध कर्तव्य का पालन करने में असफल हो जाए या उसे ऐसा करने से रोका जाए, तो वह अपराध का दोषी होगा।

बीएनएस धारा 121(1) – जो कोई भी व्यक्ति किसी लोक सेवक या सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के लिए जानबूझकर मामूली चोट पहुंचाता है, उस पर धारा 121(1) के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।

बीएनएस धारा 121(2) – यदि कोई व्यक्ति किसी लोक सेवक को गंभीर चोट पहुंचाने का अपराध करता है, तो उसके खिलाफ धारा 121(2) के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

बीएनएस धारा 121 की मुख्य बातें

  • यह धारा केवल लोक सेवकों पर हमला या चोट पहुँचाने पर लागू होती है। लोक सेवक की परिभाषा भारतीय दंड संहिता (अब बीएनएस) की धारा 21 में दी गई है।
  • स्वेच्छा से चोट पहुँचाना या गंभीर चोट पहुँचाना: चोट या गंभीर चोट जानबूझकर पहुँचाई जानी चाहिए।
  • चोट पहुँचाने का मुख्य उद्देश्य लोक सेवक को उसके कर्तव्य का पालन करने से रोकना या उसे ऐसा करने के लिए मजबूर करना होना चाहिए। यदि चोट पहुँचाने का कोई अन्य उद्देश्य है, तो यह धारा लागू नहीं होगी।
  • इस अपराध के लिए न्यूनतम एक वर्ष से अधिकतम दस वर्ष तक की कैद की सजा है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
  • यह एक संज्ञेय अपराध है, जिसका अर्थ है कि पुलिस बिना वारंट के गिरफ़्तारी कर सकती है।
  • यह एक गैर-जमानती अपराध है, इसलिए ज़मानत आसानी से नहीं मिलती।

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बीएनएस धारा 121 उदाहरण

बीएनएस धारा 121 उदाहरण कुछ इस तरह से है कि…अगर कोई व्यक्ति ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारी पर इस तरह से हमला करता है कि वह उसे गिरफ्तार नहीं कर सकता, तो उस व्यक्ति पर बीएनएस की धारा 121 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।

अगर कोई प्रदर्शनकारी किसी सरकारी अधिकारी को सरकारी काम करने से रोकने के लिए उस पर पत्थर फेंकता है और उसे गंभीर चोट पहुंचाता है, तो प्रदर्शनकारी इस धारा के तहत दोषी होगा। इसके अलवा भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 121 के तहत मिलाने वाली सजा कुछ इस तरह से है कि…धारा 121 के अंतर्गत सजा की अवधि चोट की गंभीरता और अन्य कारकों पर निर्भर करती है।

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